Friday, 1 November 2019

पानीपत के तीसरे युद्द के विश्वासघात की कहानी है Paanipat !


आज प्राचीन भारतीय इतिहास के बेशक़ीमती पन्नों के रूपहले परदे पर खुलने का ऐलान किया गया।निर्माता-निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने, अपनी ऐतिहासिक फिल्म पानीपत के ६ दिसंबर २०१९ को प्रदर्शित होने का ऐलान किया।

संजय दत्त के साथ अर्जुन कपूर, कृति सैनन, पद्मिनी कोल्हापुरे, ज़ीनत अमान, मिलिंद गुणाजी, आदि की मुख्य भूमिकाओं से सजी फिल्म पानीपत, १४ जनवरी १७६१ को, पानीपत में मराठा सरदार सदाशिव राव भाउ और अफगान के बादशाह अहमद शाह अब्दाली के बीच लड़े गए तीसरे युद्ध पर केंद्रित घटनाओं पर है।  इस फिल्म में अर्जुन कपूर ने सदाशिव राव और संजय दत्त ने अहमद शाह अब्दाली की भूमिका की है।

आशुतोष गोवारिकर को, भारतीय इतिहास के पन्ने पलटना काफी पसंद है।  उनकी फ़िल्में लगान : वन्स अपॉन अ टाइम इन इंडिया, जोधा अकबर, खेले हम जी जान से और मोहन जोदड़ो इसका प्रमाण है।

पानीपत के पोस्टर की टैग लाइन 'द ग्रेट बिट्रेयल' ख़ास है।  पानीपत का युद्ध मराठा सेना और अब्दाली की मुग़ल सेना के बीच लड़ा गया था।  एक समय ऐसा था, जब अब्दाली को बुरी तरह से हार कर, भारत से भागना पड़ता।  लेकिनयुद्ध लड़ते लड़ते दिल्ली के उत्तर मे आ पहुंचे मराठा सैनिकों के पास रसद की कमी हो गई।  उन्होंने जाटों से रसद की मदद करने को कहा।  उधर रोहिला सरदारों और दोआब के अफगानों की सेना के साथ के बावजूद पस्त हो चुका था।  ऐसे समय में अब्दाली ने इस्लामिक कार्ड खेला। उसने इस्लाम के नाम पर अवध के नवाज़ शुज़ाउद्दौला से मदद मांगी।  नवाब भारतीय शासक होते हुए भी, इस्लाम के नाम पर तुरंत सेना सहित तैयार हो गया।  जबकि, जाटों ने सदाशिव राव की किसी प्रकार की कोई मदद नहीं की।  हिन्दुओं के इसी विश्वासघात की कहानी है पानीपत। 
पानीपत का भारतीय इतिहास में महत्त्व है, क्योंकि इस युद्ध के बाद अब्दाली को इतना नुकसान पहुंचा की उसे वापस भागना पड़ा। इस्लाम के नाम पर देशद्रोह करने वाले मुग़ल शासन की भारत में नीव भी हिल गई। इसके बाद ही, हिंदुस्तान से मुग़ल शासन के अंत की शुरुआत हो गई। दिल्ली की गद्दी ब्रितानी शासन ने हडप ली। 

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