Wednesday, 5 February 2020

Shikara कश्मीरी पंडितों की व्यथा !


निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म शिकारा, कश्मीरी पंडित दम्पति के ज़रिये आतंकवादियों द्वारा कश्मीर से विस्थापित किये गए कश्मीरी पंडितों की दशा बयान करती है। विधु खुद भी कश्मीर के  विस्थापित हैं।  इसलिए इसमें कोई शक नहीं कि उन्होंने कश्मीरी पंडितों का सत्य बयान किया होगा।  इस फिल्म को ऐतिहासिक ड्रामा रोमांटिक फिल्म बताया जा गया है।  ख़ास बात यह है कि कश्मीर और कश्मीर की पृष्ठभूमि पर फ़िल्में कभी  रोमांस,कभी ड्रामा, कभी एक्शन और कभी मसूमियत का चित्रण करती रही है।

बिखरती थी रोमांस की हवा
घाटी में आतंकवाद भड़कने से पहले, कश्मीर की फिजाओं में रोमांस के रंग बिखरे रहते थे।  हिंदी की जायदातर रोमांस फ़िल्में कश्मीर में शूट हुआ करती थी। फिल्मों में रंग आने के बाद, कश्मीर बड़े परदे पर और खिला।  बॉलीवुड की सायरा बानो और शर्मीला टैगोर जैसी अभिनेत्रियों ने फिल्म जंगली और कश्मीर की कली जैसी कश्मीर में शूट फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत की।  साधना और आशा पारेख की  बेहतरीन हिट फिल्मों की शूटिंग कश्मीर में ही हुई थी।  कश्मीर में, १९८९ से आतंकवाद के उफान के साथ ही बॉलीवुड विदेशी लोकेशनों की ओर पलायन कर गया।

आतंकवाद से प्रभावित फ़िल्में
अब कश्मीर पर फ़िल्में आतंकवाद प्रभावित एक्शन दिखा रही थी।  रोमांस कहीं पृष्ठभूमि मे चला गया था।  निर्देशक मणिरत्नम ने एक प्रेम कहानी के सहारे फिल्म रोजा से कश्मीर के आतंकवाद का चित्रण बखूबी किया। उनकी अगली फिल्म दिल से में भी आतंकवाद था। कुणाल कोहली की फिल्म फना में एक आतंकवादी और कश्मीर की अंधी लड़की के बीच रोमांस का चित्रण हुआ था।   ख़ास बात यह थी कि बॉलीवुड के निर्माताओं ने कश्मीर के आतंकवाद को अपनी अपनी विचारधारा के चश्मे से दिखाया।  विशाल भरद्वाज की फिल्म हैदर कश्मीर के पत्थरबाजों को मासूम और फ़ौज के अत्याचार का शिकार बताते थे। आज जो विधु विनोद चोपड़ा  शिकार लेकर आये है, उन्होंने १९ साल पहले मिशन कश्मीर में आतंकवाद को सेना के अत्याचार से जोड़ कर दिखाया था।

भावुकता रोमांस और मासूमियत
इस लिहाज़ से, शूजित सरकार की पहली निर्देशित फिल्म यहाँ में कश्मीर की खूबसूरती और रोमांस का भावुकतापूर्ण चित्रण हुआ था।  निर्देशक पियूष झा की फिल्म सिकंदर में आतंकवाद और फुटबॉल के बीच सम्बन्ध का खूबसूरत चित्रण करती थी। फिल्म तहान में आतंकवाद में जलते कश्मीर में एक बच्चे की मासूमियत का चित्रण हुआ था।  लक्ष्य और एलओसी कारगिल कश्मीर में भारत-पाकिस्तान युद्ध का चित्रण हुआ था।

अनुच्छेद ३७० हटने के बाद
अनुच्छेद ३७० संशोधित करने के बाद, कश्मीर में शूट हुई पहली फिल्म कश्मीर द फाइनल रेज़लुशन, अनुच्छेद ३७० हटने के बाद कश्मीर में शांति की आशा करती फिल्म है। इस फिल्म के लेखक-निर्देशक और एक्टर युवराज कुमार को उम्मीद है कि उनकी इस फिल्म को घाटी के लोग भी देखेंगे और पसंद करेंगे। क्या सचमुच! पहला जवाब शिकारा दे देगी ।

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