रसिये रे मन बसिया रे, मेरी जान संडे के संडे, कच्ची है उमरिया, कुछ और ज़माना कहता है, ा लागि नाही छूटे रामा, जैसे गीतों की गायिका मीना कपूर नहीं रही। उन्होंने हिंदी फिल्मों को १९५० से १९६० के दशक में अपनी आवाज़ दी। मीना कपूर का पहला गीत सचिन देव बर्मन का रचा फिल्म आठ दिन (१९४६) का गीत था। १९४७ में रिलीज़ शहनाई फिल्म के गीत मेरी जान संडे के संडे उनका गाया यादगार गीत बन गया। अनोखा प्यार के गीतों की रिकॉर्डिंग के दौरान १९४८ में मीना कपूर संगीतकार अनिल बिस्वास से मिली। दोनों ने दस साल के बाद १९५९ में विवाह कर लिया। यह अनिल विश्वास की दूसरी शादी थी। गीता दत्त और मीना कपूर गहरी मित्र थी। ख़ास बात यह थी कि इन दोनों की आवाज़ की स्टाइल भी सामान थी।
No comments:
Post a Comment