संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को विवाद में लाने वाला सिर्फ एक किरदार है। वह है अलाउद्दीन खिलजी । अलाउद्दीन खिलजी के रानी पद्मिनी के साथ कथित रोमांटिक दृश्यों ने पूरे देश में तूफ़ान ला दिया है। इस विवाद के ताप को भांप कर अपनी रियल लाइफ गर्लफ्रेंड की ऑन स्क्रीन किरदार के दुश्मन खिलजी का किरदार करने वाले रणवीर सिंह भी सटपटाये होंगे। मगर इस विवाद के मद्देनज़र अजय देवगन सबसे ज़्यादा खुश होंगे। वह भगवान् के शुक्रगुज़ार होंगे कि उन्होंने पद्मावती में खिलजी के किरदार को मना कर दिया। सूत्र बताते हैं कि संजय लीला भंसाली चाहते थे कि उनकी सुपर हिट फिल्म हम दिल दे चुके हैं सनम के सलमान खान और ऐश्वर्या राय बच्चन के अपोजिट ऐश्वर्या के पति की भूमिका करने वाले अजय देवगन अलाउद्दीन खिलजी का किरदार करें। अजय देवगन इस रोल के लिए राजी भी थे। उनकी संजय लीला भंसाली के साथ मीटिंग्स भी हुई। लेकिन, इसके बावजूद अजय देवगन ने फिल्म को इंकार कर दिया। क्या अजय देवगन को इस विवाद का पूर्वाभास हो गया था या वह कोई ऐतिहासिक फिल्म नहीं करना चाहते थे ? दोनों ही बातें सच नहीं हैं। अजय देवगन ने पद्मावती को इसलिए मना कर दिया था कि वह सिर्फ एक फिल्म को अपना पूरा साल देना नहीं चाहते थे। इस प्रकार से, अजय देवगन के इंकार करने पर पद्मावती के खिलजी रणवीर सिंह बन गए। कुछ इन्हीं कारणों से अजय देवगन ने बाजीराव मस्तानी को भी मना कर दिया था। बाजीराव के किरदार के लिए भंसाली की पहली पसंद अजय देवगन ही थे। इस किरदार के लिए अजय देवगन फिट भी बैठते थे। लेकिन, संजय लीला भंसाली इस फिल्म के लिए अजय देवगन से एकमुश्त २० ० दिन चाहते थे। अजय देवगन को यह मंज़ूर नहीं था। इस प्रकार से अजय देवगन का बाजीराव रणवीर सिंह के पास चला गया। कुछ ऐसा ही पद्मावती के रावल रतन सिंह के किरदार के साथ भी हुआ। भंसाली ने रतन सिंह की भूमिका के लिए विक्की कौशल को लिया था। लेकिन, दीपिका पादुकोण ने किसी छोटे अभिनेता के साथ रोमांस करने से साफ मना कर दिया। विक्की की जगह शाहिद कपूर आ गए।
विद्या ने छोड़ी परिणीति ने भी छोड़ी
फ़िल्में छोड़ने का सिलसिला काफी पुराना है। परन्तु, पसंदीदा है बॉलीवुड एक्टर्स का। धूमधाम से किसी फिल्म का ऐलान होता है। तमाम स्टार हँसते मुस्कराते मीडिया के सामने आते हैं। फिर एक दिन पता चलता है कि वह सितारे किसी ख़ास फिल्म का हिस्सा नहीं रहे। इसी साल की शुरू मे विद्या बालन ने कमला दास की बायोपिक छोड़ दी। इसके बाद परिणीति चोपड़ा के बोस्को मार्टिस की डेब्यू फिल्म सर्कस को अलविदा कह दिया। विद्या बालन ने कमला दास की बायोपिक इस लिए छोड़ी कि डायरेक्टर के साथ क्रिएटिव डिफरेंस पैदा हो गए थे। परिणीति चोपड़ा का जिल्दबंद स्क्रिप्ट नहीं मिली थी। अभी भी कभी किसी कभी किसी कारण से फिल्म छोड़ने का सिलसिला जारी है।
भूमि की असफलता ने
संजय दत्त ने वापसी फिल्म ओमंग कुमार के साथ भूमि की थी। ओमंग कुमार ने मैरी कॉम और सरबजीत जैसी प्रशंसित और सफल फ़िल्में बनाई थी। संजय दत्त को उम्मीद थी कि ओमंग कुमार की फिल्म उन्हें सशक्त अभिनेता भी साबित करेगी और बॉक्स ऑफिस पर स्थापित भी कर देगी। भूमि के निर्माण के दौरान ही ओमंग कुमार ने संजय दत्त के सामने द गुड महाराजा की कहानी रखी। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान महाराज ऑफ़ जामनगर ने सैकड़ों पोलिश बच्चों को अपने राज्य में कैंप लगा कर शरण दी थी। इन्ही महाराजा के जीवन पर ओमंग कुमार द गुड महाराजा बनाना चाहते थे। संजय दत्त को इसमें महाराजा का किरदार करना था। उनका स्क्रीन टेस्ट भी हुआ। फर्स्ट लुक भी रिलीज़ हुआ। लेकिन, जैसे ही भूमि रिलीज़ हुई और बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी संजय दत्त ओमंग कुमार से छिटक गए। उन्होंने द गुड महाराजा को इंकार कर दिया।
विद्या ने छोड़ी परिणीति ने भी छोड़ी
फ़िल्में छोड़ने का सिलसिला काफी पुराना है। परन्तु, पसंदीदा है बॉलीवुड एक्टर्स का। धूमधाम से किसी फिल्म का ऐलान होता है। तमाम स्टार हँसते मुस्कराते मीडिया के सामने आते हैं। फिर एक दिन पता चलता है कि वह सितारे किसी ख़ास फिल्म का हिस्सा नहीं रहे। इसी साल की शुरू मे विद्या बालन ने कमला दास की बायोपिक छोड़ दी। इसके बाद परिणीति चोपड़ा के बोस्को मार्टिस की डेब्यू फिल्म सर्कस को अलविदा कह दिया। विद्या बालन ने कमला दास की बायोपिक इस लिए छोड़ी कि डायरेक्टर के साथ क्रिएटिव डिफरेंस पैदा हो गए थे। परिणीति चोपड़ा का जिल्दबंद स्क्रिप्ट नहीं मिली थी। अभी भी कभी किसी कभी किसी कारण से फिल्म छोड़ने का सिलसिला जारी है।
भूमि की असफलता ने
संजय दत्त ने वापसी फिल्म ओमंग कुमार के साथ भूमि की थी। ओमंग कुमार ने मैरी कॉम और सरबजीत जैसी प्रशंसित और सफल फ़िल्में बनाई थी। संजय दत्त को उम्मीद थी कि ओमंग कुमार की फिल्म उन्हें सशक्त अभिनेता भी साबित करेगी और बॉक्स ऑफिस पर स्थापित भी कर देगी। भूमि के निर्माण के दौरान ही ओमंग कुमार ने संजय दत्त के सामने द गुड महाराजा की कहानी रखी। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान महाराज ऑफ़ जामनगर ने सैकड़ों पोलिश बच्चों को अपने राज्य में कैंप लगा कर शरण दी थी। इन्ही महाराजा के जीवन पर ओमंग कुमार द गुड महाराजा बनाना चाहते थे। संजय दत्त को इसमें महाराजा का किरदार करना था। उनका स्क्रीन टेस्ट भी हुआ। फर्स्ट लुक भी रिलीज़ हुआ। लेकिन, जैसे ही भूमि रिलीज़ हुई और बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी संजय दत्त ओमंग कुमार से छिटक गए। उन्होंने द गुड महाराजा को इंकार कर दिया।
स्क्रिप्ट नहीं मिली
अभिषेक बच्चन के करियर में निर्माता-निर्देशक जेपी दत्ता का अहम् योगदान है। जेपी दत्ता निर्देशित फिल्म रिफ्यूजी से अभिषेक बच्चन का फिल्म डेब्यू हुआ था। इस फिल्म को शुरुआत में ज़बरदस्त सफलता मिली थी। दत्ता ने बाद में अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन को लेकर फिल्म उमराव जान भी बनाई। लेकिन, यह फिल्म फ्लॉप हुई। इसके बाद जेपी दत्ता लम्बे समय तक निष्क्रिय हो गए। ग्यारह साल बाद, जेपी दत्ता ने फिर एक फिल्म बनाने का ऐलान किया। यह फिल्म १९६२ के भारत-चीन युद्ध पर पलटन थी। इस फिल्म के लिए बतौर एक्टर सबसे पहले अभिषेक बच्चन को लिया गया। इसके बाद दूसरे कलाकार शामिल हुए। लेकिन, पल्टन टीम के शूटिंग लोकेशन पर जाने से ठीक पहले अभिषेक बच्चन ने दत्ता का दामन छोड़ दिया। कहा गया कि पूरी स्क्रिप्ट नहीं दी गई थी। वास्तविकता क्या है ? मगर, जब पल्टन की पूरी यूनिट लोकेशन शूट पर थी, अभिनेता सुनील शेट्टी ने पल्टन छोड़ने का ऐलान कर दिया। चूंकि, उन्होंने भी स्क्रिप्ट न मिलना कारण बताया था, इसलिए कहा जा सकता है कि अभिषेक बच्चन और सुनील शेट्टी ने स्क्रिप्ट मिलने के कारण फिल्म छोड़ दी।
सुशांत सिंह राजपूत ने चेहरों के कारण छोड़ी रॉ
मार्च २०१७ में सुशांत सिंह राजपूत को लेकर निर्माता बंटी वालिया ने राम अकबर वॉटर (रॉ) का ऐलान किया था। इस रॉ (RAW) टाइटल के टैग लाइन थी - आवर हीरो, देयर स्पाई। इस फिल्म में सुशांत भारत की जासूसी संस्था रॉ के एक एजेंट का किरदार करने वाले थे। लेकिन एक दिन यकायक सुशांत सिंह राजपूत ने बिना कारण बताये रॉ छोड़ दी। कहा तो यह गया कि पुराने कमिटमेंट पूरे न हो सकने के कारण रॉ छोड़ दी। लेकिन, बंटी वालिया इसे नहीं मानते। वह गुस्से में कहते भी हैं कि सुशांत को मेरी या मेरे साथी निर्माताओं की शक्ल पसंद नहीं आई होगी। हो सकता है कि सुशांत अपने पसंदीदा चेहरों को फिल्म में देखना चाहते होंगे।
सर्कस के रिंग से डर
बोस्को-मार्टिस की सर्कस पर आधारित फिल्म सर्कस एक म्यूजिकल फिल्म है। इस फिल्म की नायिका सर्कस में खतरनाक कारनामे करती है। यह एक दिलचस्प किरदार है। बोस्को ने इस किरदार के लिए सबसे पहले कंगना रनौत को फिल्म में शामिल किया। कंगना रनौत को अपना रोल काफी पसंद भी आया था। मगर फिल्म में सूरज पंचोली के कारण उन्होंने यह फिल्म छोड़ दी। इसके बाद परिणीति चोपड़ा को लिया गया। परिणीति के स्क्रिप्ट न मिलने के कारण फिल्म छोड़ने के बाद सोनाक्षी सिन्हा को ट्रैपीज आर्टिस्ट की भूमिका सौंपी गई। इस फिल्म की नायिका के लिए सोनाक्षी को जिम्नास्ट और एक्रोबेट्स सीखना था। परन्तु, अब जबकि सोनाक्षी सिन्हा ने सर्कस छोड़ दी है, बोस्को मार्टिस थोड़ा इंतज़ार के बाद सर्कस की नायिका की खोज शुरू करेंगे।
अपनी ही फिल्म से निकले जॉन अब्राहम
राज निदिमोरू और कृष्णा डीके की निर्देशक जोड़ी पर तो बुरी बीती। उनकी दो फिल्मों को उनके हीरो ही छोड़ गए। फिल्म पिटी तो अलग। मार्च में जॉन अब्राहम ने प्रेरणा अरोड़ा के साथ फिल्म चोर निकल कर भागा का निर्माण शुरू किया था। इस फिल्म के नायक खुद जॉन अब्राहम थे और उनकी नायिका तमन्ना भाटिया थी। यह फिल्म एक पुलिस वाले और एक एयर होस्टेस की प्रेम कहानी थी। मगर यह रोमांस फिल्म नहीं थी। इस फिल्म में राजकुमार राव, तमन्ना भाटिया के प्रेमी का किरदार करने वाले थे। मगर दो महीने बाद जाने ऐसा क्या हुआ कि जॉन अब्राहम और तमन्ना भाटिया दोनों ही फिल्म से निकल गए। कुछ ऐसा ही इस जोड़ी की दूसरी फिम फ़र्ज़ी के साथ भी हुआ। जब राज और कृष्णा फिल्म अ जेंटलमैन का निर्माण कर रहे थे, उसी समय उन्होंने अपनी फिल्म फ़र्ज़ी को भी शुरू करने का इरादा बनाया था। इस फिल्म के लिए उन्होंने कृति सेनन के साथ अर्जुन कपूर को साइन भी कर लिया था। लेकिन, कुछ दिनों बाद ही अर्जुन कपूर ने फिल्म छोड़ दी और इस जोड़ी से अपने कजिन हर्षवर्द्धन को लेने की सिफारिश कर दी। अर्जुन कपूर ने फर्जी को क्यों छोड़ा ? जॉन अब्राहम और तमन्ना भाटिया चोर निकल के भागा से क्यों निकल गए ? अर्जुन कपूर तो संदीप और पिंकी फरार की तैयारी के कारण फ़र्ज़ी नहीं कर पा रहे थे। लेकिन, जॉन अब्राहम ने तो कोई कारण भी नहीं बताया। बहरहाल, राजा निदिमोरू और कृष्णा डीके अपनी दोनों फिल्मों के लिए अभिनेत्रियों की तलाश में जुटे हुए हैं।
अभिषेक बच्चन के करियर में निर्माता-निर्देशक जेपी दत्ता का अहम् योगदान है। जेपी दत्ता निर्देशित फिल्म रिफ्यूजी से अभिषेक बच्चन का फिल्म डेब्यू हुआ था। इस फिल्म को शुरुआत में ज़बरदस्त सफलता मिली थी। दत्ता ने बाद में अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन को लेकर फिल्म उमराव जान भी बनाई। लेकिन, यह फिल्म फ्लॉप हुई। इसके बाद जेपी दत्ता लम्बे समय तक निष्क्रिय हो गए। ग्यारह साल बाद, जेपी दत्ता ने फिर एक फिल्म बनाने का ऐलान किया। यह फिल्म १९६२ के भारत-चीन युद्ध पर पलटन थी। इस फिल्म के लिए बतौर एक्टर सबसे पहले अभिषेक बच्चन को लिया गया। इसके बाद दूसरे कलाकार शामिल हुए। लेकिन, पल्टन टीम के शूटिंग लोकेशन पर जाने से ठीक पहले अभिषेक बच्चन ने दत्ता का दामन छोड़ दिया। कहा गया कि पूरी स्क्रिप्ट नहीं दी गई थी। वास्तविकता क्या है ? मगर, जब पल्टन की पूरी यूनिट लोकेशन शूट पर थी, अभिनेता सुनील शेट्टी ने पल्टन छोड़ने का ऐलान कर दिया। चूंकि, उन्होंने भी स्क्रिप्ट न मिलना कारण बताया था, इसलिए कहा जा सकता है कि अभिषेक बच्चन और सुनील शेट्टी ने स्क्रिप्ट मिलने के कारण फिल्म छोड़ दी।
सुशांत सिंह राजपूत ने चेहरों के कारण छोड़ी रॉ
मार्च २०१७ में सुशांत सिंह राजपूत को लेकर निर्माता बंटी वालिया ने राम अकबर वॉटर (रॉ) का ऐलान किया था। इस रॉ (RAW) टाइटल के टैग लाइन थी - आवर हीरो, देयर स्पाई। इस फिल्म में सुशांत भारत की जासूसी संस्था रॉ के एक एजेंट का किरदार करने वाले थे। लेकिन एक दिन यकायक सुशांत सिंह राजपूत ने बिना कारण बताये रॉ छोड़ दी। कहा तो यह गया कि पुराने कमिटमेंट पूरे न हो सकने के कारण रॉ छोड़ दी। लेकिन, बंटी वालिया इसे नहीं मानते। वह गुस्से में कहते भी हैं कि सुशांत को मेरी या मेरे साथी निर्माताओं की शक्ल पसंद नहीं आई होगी। हो सकता है कि सुशांत अपने पसंदीदा चेहरों को फिल्म में देखना चाहते होंगे।
सर्कस के रिंग से डर
बोस्को-मार्टिस की सर्कस पर आधारित फिल्म सर्कस एक म्यूजिकल फिल्म है। इस फिल्म की नायिका सर्कस में खतरनाक कारनामे करती है। यह एक दिलचस्प किरदार है। बोस्को ने इस किरदार के लिए सबसे पहले कंगना रनौत को फिल्म में शामिल किया। कंगना रनौत को अपना रोल काफी पसंद भी आया था। मगर फिल्म में सूरज पंचोली के कारण उन्होंने यह फिल्म छोड़ दी। इसके बाद परिणीति चोपड़ा को लिया गया। परिणीति के स्क्रिप्ट न मिलने के कारण फिल्म छोड़ने के बाद सोनाक्षी सिन्हा को ट्रैपीज आर्टिस्ट की भूमिका सौंपी गई। इस फिल्म की नायिका के लिए सोनाक्षी को जिम्नास्ट और एक्रोबेट्स सीखना था। परन्तु, अब जबकि सोनाक्षी सिन्हा ने सर्कस छोड़ दी है, बोस्को मार्टिस थोड़ा इंतज़ार के बाद सर्कस की नायिका की खोज शुरू करेंगे।
अपनी ही फिल्म से निकले जॉन अब्राहम
राज निदिमोरू और कृष्णा डीके की निर्देशक जोड़ी पर तो बुरी बीती। उनकी दो फिल्मों को उनके हीरो ही छोड़ गए। फिल्म पिटी तो अलग। मार्च में जॉन अब्राहम ने प्रेरणा अरोड़ा के साथ फिल्म चोर निकल कर भागा का निर्माण शुरू किया था। इस फिल्म के नायक खुद जॉन अब्राहम थे और उनकी नायिका तमन्ना भाटिया थी। यह फिल्म एक पुलिस वाले और एक एयर होस्टेस की प्रेम कहानी थी। मगर यह रोमांस फिल्म नहीं थी। इस फिल्म में राजकुमार राव, तमन्ना भाटिया के प्रेमी का किरदार करने वाले थे। मगर दो महीने बाद जाने ऐसा क्या हुआ कि जॉन अब्राहम और तमन्ना भाटिया दोनों ही फिल्म से निकल गए। कुछ ऐसा ही इस जोड़ी की दूसरी फिम फ़र्ज़ी के साथ भी हुआ। जब राज और कृष्णा फिल्म अ जेंटलमैन का निर्माण कर रहे थे, उसी समय उन्होंने अपनी फिल्म फ़र्ज़ी को भी शुरू करने का इरादा बनाया था। इस फिल्म के लिए उन्होंने कृति सेनन के साथ अर्जुन कपूर को साइन भी कर लिया था। लेकिन, कुछ दिनों बाद ही अर्जुन कपूर ने फिल्म छोड़ दी और इस जोड़ी से अपने कजिन हर्षवर्द्धन को लेने की सिफारिश कर दी। अर्जुन कपूर ने फर्जी को क्यों छोड़ा ? जॉन अब्राहम और तमन्ना भाटिया चोर निकल के भागा से क्यों निकल गए ? अर्जुन कपूर तो संदीप और पिंकी फरार की तैयारी के कारण फ़र्ज़ी नहीं कर पा रहे थे। लेकिन, जॉन अब्राहम ने तो कोई कारण भी नहीं बताया। बहरहाल, राजा निदिमोरू और कृष्णा डीके अपनी दोनों फिल्मों के लिए अभिनेत्रियों की तलाश में जुटे हुए हैं।
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