फिल्म निर्माता राजीव अमरीश पुरी को अपनी फिल्म पागल का टाइटल बदलने को मज़बूर होना पड़ा। सेंसर के लिए भेजी गई फिल्म पागल के टाइटल पर सेंसर को इस बिना पर ऐतराज़ था कि यह टाइटल कुछ लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचा सकता है। इसलिए फिल्म के निर्माताओं को पागल को इसे यह साली आशिक़ी में बदलना पड़ा। अब यह टाइटल फिल्म की कहानी और जूनून के ज़्यादा निकट है।
एक तरफा प्रेम का जूनून
यह साली आशिक़ी की कहानी कॉलेज के छात्रों की है। एक लड़का, एक लड़की से
प्यार करता है। यह एकतरफा प्यार जूनून की
हद तक है। लेकिन,
लड़की उसे इंकार कर देती है। इतना ही नहीं, वह उस पर
आरोप भी लगाती है। इससे उस आशिक़ की आशिक़ी
हैवानियत में बदल जाती है। वह लड़की को मार
डालना चाहता है। इस कहानी को फिल्म के निर्देशक चिराग रूपारेल साथ फिल्म के नायक
वर्धन पुरी ने लिखा है।
डेब्यू कराने वाले फिल्म
यह साली आशिक़ी को डेब्यू कराने वाली फिल्म कहा जा सकता है। यह फिल्म अमरीश पुरी के बेटे और पोते का डेब्यू
कराने वाली फिल्म है। फिल्म के निर्माता
राजीव इस फिल्म का निर्माण पेन म्यूजिक के जयंतीलाल गाड़ा के साथ बना रहे हैं। यह
तेरी आशिक़ी, राजीव की पहली फिल्म है।
वर्द्धन का फिल्म डेब्यू
राजीव अमरीश पुरी अपने बैनर के तहत यह फिल्म अपने बेटे वर्द्धन पुरी का
फिल्म डेब्यू करवाने के लिए बना रहे हैं।
वर्धन पुरी कल २८ साल के हो जाएंगे। वह
मास कम्युनिकेशन के स्नातक है। पुणे फिल्म
इंस्टिट्यूट में अभिनय का ककहरा भी सीख चुके हैं।
उन्होंने इशकज़ादे, शुद्ध देसी रोमांस और दावत ए इश्क़ जैसी
फिल्मों में सह निर्देशक के तौर पर काम किया है।
शिवालिका की भी पहली फिल्म
फिल्म के जुनूनी छात्र वर्द्धन की नायिका शिवालिका ओबेरॉय भी हाउसफुल ३ और
किक जैसी बड़ी हिट फिल्मों की सह निर्देशक रह चुकी है। वह साजिद नाडियाडवाला के
ऑफिस में ही काम करती थी। साजिद ने ही शिवालिका से फिल्म एक्ट्रेस बनने के लिए कहा
था। वर्द्धन की तरह,
यह साली आशिक़ी, शिवालिका की भी पहली फिल्म है।
निर्देशक की भी पहली आशिक़ी
दिलचस्प तथ्य यह है कि यह तेरी आशिक़ी से फिल्म के निर्देशक चिराग रूपारेल का भी बतौर स्वतंत्र फिल्म निर्देशक
डेब्यू हो रहा है। इस फिल्म से पहले
वह वर्द्धन की तरह इशकज़ादे और शुद्ध देसी
रोमांस के सह निर्देशक थे। चिराग का
वर्द्धन के साथ बतौर फिल्म लेखक भी डेब्यू हो रहा है।
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