Sunday 30 September 2018

यह सपोर्टिंग ही अच्छे हैं फिल्म की सेहत के लिये !

इस साल की टॉप ग्रॉसिंग कुछ फिल्मों पर एक नज़र डालते हैं।  संजू, राज़ी, गोल्ड, वीरे दी वेडिंग, स्त्री, सत्यमेव जयते, पैडमैन, आदि फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर सफलता मिली थी।  इन तमाम फिल्मों की खासियत यह थी कि इन फिल्मों से अपने प्रभावशाली अभिनय के बल पर कुछ एक्टर उभर कर आये थे। कुछ ने तो अपने नायकों को भी ज़बरदस्त टक्कर दी थी।  दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचा था।  संजू में कमलेश उर्फ़ कमली तथा राज़ी में नायिका रहमत (आलिया भट्ट) के शौहर इक़बाल की भूमिका में अभिनेता विक्की कौशल दर्शकों की निगाहों में चढ़ गए थे।  अक्षय कुमार की फिल्म गोल्ड में एक्टरों की भरमार है।  इसके बावजूद अभिनेता अमित साध अपनी भूमिका में उभर का आये थे। वीरे दी वेडिंग चार महिला दोस्तों की कहानी थी।  करीना कपूर और सोनम कपूर जैसी बड़ी एक्ट्रेस के सामने करीना कपूर के मंगेतर बने सुमीत व्यास उभर कर आते हैं।  सत्यमेव जयते में एक्टर मनोज बाजपेयी बॉलीवुड के माचो एक्टर जॉन अब्राहम को ज़ोरदार टक्कर देते हैं। पैडमैन में अक्षय कुमार और सोनम कपूर के बावजूद राधिका आप्टे अपनी मौजूदगी दर्ज कराती हैं।  ऎसी बहुत सी फ़िल्में हैं, जिनमे नायक-नायिका के सपोर्टिंग एक्टर बाज़ी मार ले जाते हैं।  दर्शक सिनेमाघरों से बाहर निकालता है, तो उसके जेहन मे इन्ही एक्टर्स के किरदार घूम रहे होते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि अगर यह अभिनेता अभिनेत्रियां अगर लीड में आये तो दर्शक इनकी फिल्मों को हाथों हाथ लेगा

नहीं चली विक्की कौशल की मनमर्ज़ियाँ
कोई दो हफ्ता पहले अनुराग कश्यप की रोमांस फिल्म मनमर्ज़ियाँ रिलीज़ हुई थी।  इस फिल्म के ट्रेलर में, नायिका तापसी पन्नू अपने नायक विक्की कौशल को उत्तेजनापूर्ण चुम्बन कर रही थी।  उम्मीद थी कि अभिषेक बच्चन की दो साल बाद वापसी वाली यह फिल्म बढ़िया शुरुआत करेगी।  लेकिन, पहले राज़ी और फिर संजू से उभर कर आने वाले विक्की कौशल के नायक वाली फिल्म मनमर्ज़ियाँ बॉक्स ऑफिस पर सिर्फ ३.२० करोड़ की ओपनिंग ही ले सकी ।  विक्की कौशल दर्शकों को सिनेमाघरों में ला पाने में नाकामयाब रहे।  विक्की कौशल तो अपने बूते पर मसान, जुबां और रमन राघव २.० तक नहीं सफल करा पाते। लव पर स्क्वायर फ़ीट बॉक्स ऑफिस पर मुंह के बल गिरती है। 

सन्नाटे में स्वरा भास्कर की फ़िल्में
स्वरा भास्कर के खाते में वीर दी वेडिंग जैसी १०० करोडिया फिल्म दर्ज है।  इस फिल्म में, करीना कपूर और सोनम कपूर जैसी सेक्सी अभिनेत्रियों की मौजूदगी में भी उनके हस्त मैथुन करने के दृश्य की काफी चर्चा हुई है।कहा जा सकता है कि उनके इस चरित्र को देखने के लिए काफी दर्शक गए। लेकिन, ध्यान रहे कि यही स्वरा भास्कर, जब अनारकली ऑफ़ आरा की नायिका बन कर आई थी, तो दर्शक सिनेमाघरों की तरफ गया  तक नहीं था । देश में, विदेशो में चर्चित स्वरा भास्कर की फिल्म निल बटे सन्नाटा का सिनेमाघर सन्नाटे में डूबा मिलता है।

करीना कपूर के मंगेतर सुमीत
वीरा दी वेडिंग में करीना कपूर के मंगेतर बने सुमीत व्यास दर्शकों और समीक्षकों को पसंद आते हैं। महिलाओं की दोस्ती पर इस फिल्म में सुमीत व्यास का ऋषभ मल्होत्रा उभर कर आता है।  वह वास्तव में सशक्त अभिनेता हैं भी।  लेकिन, जब यह सुमीत, नवोदित निर्देशक आकर्ष खुराना की फिल्म हाई जैक में एक डीजे की मुख्य भूमिका में आते हैं, दर्शकों को बेसुरे लगते हैं। फिल्म बुरी तरह से असफल होती है।  तमाम प्रचार प्रसार के बावजूद रिबन को दर्शक नहीं मिलते। 

अक्षय कुमार और सलमान खान के अमित साध
अमित साध ने, सलमान खान के साथ ३०० करोड़ कमाने वाली फिल्म सुल्तान की है।  इस साल भी, वह अक्षय कुमार के साथ फिल्म गोल्ड में अमित साध ने उत्साही हॉकी खिलाड़ी की जटिल भूमिका की है।  एक अमीर बाप के हॉकी खिलाड़ी बेटे की इस जटिल भूमिका को अमित साध बखूबी कर ले जाते हैं। वह अगले साल रिलीज़ होने जा रही हृथिक रोशन की फिल्म सुपर ३० में भी महत्वपूर्ण भूमिका कर रहे हैं।   लेकिन, यही अमित साध फिल्म रनिंग शादी डॉट कॉम और राग देश की मुख्य भूमिका में अप्रभावी साबित हुए थे।  उनकी एक फिल्म जैक एंड जिल २१ सितम्बर को रिलीज़ हो चुकी होगी। इस फिल्म की कोई चर्चा नहीं हुई। 

ऋचा चड्डा की तमंचे को नहीं मिले दर्शक
दस साल पहले, फिल्म ओये लकी लकी ओये से अपने करियर की शुरुआत करने वाली ऋचा चड्डा, आज भी फुकरे की गैंगस्टर भोली पंजाबन और गैंग्स ऑफ़ वासेपुर की नगमा खातून के किरदारों से ही अपनी पहचान रखती हैं।  संजय लीला भंसाली की फिल्म गोलियों की रासलीला राम लीला की रसीला की छोटी भूमिका में प्रभावित करने वाली ऋचा चड्डा तमंचे की नायिका के बतौर तमाम अंग प्रदर्शन के दर्शकों को पसंद नहीं आती।उनकी दास देव और जिया और जिया को दर्शक देखने नहीं जाते। यह फ़िल्में बिना किसी  चर्चा के सिनेमाघरों से उतर जाती हैं।

फिल्मों के राजकुमार नहीं
ज़रूरी नहीं कि सपोर्टिंग भूमिकाओं में उभरने वाले एक्टर किसी फिल्म को अपने कन्धों पर ढो सकें। हालिया उदाहरण राजकुमार राव हैं।  बरेली की बर्फी में वह आयुष्मान खुराना और कृति सैनन और हमारी अधूरी कहानी में इमरान हाश्मी और विद्या बालन के साथ भी उभर के आते हैं।  राजकुमार राव की पहली फिल्म लव सेक्स और धोखा के सफल नायक राजकुमार राव काई पो चे और क्वीन की सह भूमिकाओं में खूब सफल होते हैं।  अभी उनकी हॉरर फिल्म स्त्री ने १०० करोड़ क्लब में प्रवेश किया है।  लेकिन, यही राजकुमार राव बतौर हीरो किसी फिल्म को सफल बना सकते हैं ? ओमेर्ता, बहन होगी तेरी, शादी में ज़रूर आना, न्यूटन, ट्रैप्ड, अलीगढ और सिटी लाइट्स जैसी फिल्मों की लम्बी श्रंखला है, जो नायक राजकुमार राव की असफल फिल्मों में शुमार हैं।  स्त्री की सफलता में हॉरर, कॉमेडी, श्रद्धा कपूर और पंकज त्रिपाठी के करैक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

कमज़ोर और प्रभावहीन मनोज बाजपेयी
रामगोपाल वर्मा की गैंगस्टर फिल्म सत्या के भीखू म्हात्रे के भूमिका में दबदबा कायम करने वाले मनोज बाजपेयी ने शूल के इंस्पेक्टर समर प्रताप सिंह की भूमिका में खुद को नया एंग्री यंगमैन के तौर पर स्थापित करने की कोशिश की थी।  लेकिन, जल्द ही उनका यह मुलम्मा उतर गया। बेशक उन्होंने, जॉन अब्राहम की फिल्म सत्यमेव जयते तक अपने अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया है। लेकिन, मनोज बाजपेयी, जैसे ही किसी कमज़ोर अभिनेता के साथ भी होते हैं तो प्रभावहीन साबित होते हैं।  ऐयारी इसका प्रमाण है।  इस फिल्म में, मनोज बाजपेयी के जोड़ीदार सिद्धार्थ मल्होत्रा थे।  फिल्म असफल हुई।  इसलिए, सत्यमेव जयते के लिए मनोज बाजपेयी को सारे अंक देना जॉन अब्राहम के साथ अन्याय होगा।  क्योंकि, जॉन खुद के बूते पर परमाणु द पोखरण स्टोरी को भी सफल बना ले जाते हैं।  लेकिन, मनोज बाजपेयी की हालिया रिलीज़ फ़िल्में लव सोनिया, गली गुलियाँ और मिसिंग के सिनेमाघरों ने दर्शकों को मिस किया।
 
नेटफिल्क्स की राधिका आप्टे 
राधिका आप्टे ने कम बजट की, फिल्म मेलों में प्रशंसा पाने वाली और भारतीय सिनेमाघरों में बहुत कम रिलीज़ पाने वाली बहुत सी फ़िल्में की हैं।  लेकिन, पैडमैन और बदलापुर के अलावा बड़े  बजट की फ़िल्में उनके खाते में इक्कादुक्का ही दर्ज हैं। अब तो उनकी पहचान नेटफ्लिक्स की राधिका आप्टे वाली बन गई है।  नेटफ्लिक्स पर, राधिका आप्टे की फ़िल्में स्ट्रीम तो करती ही हैं, वह नेटफ्लिक्स की कई प्रमुख सीरीज में भी काम कर चुकी हैं। वह नेटफ्लिक्स के लिए लस्ट स्टोरीज, सेक्रेड गेम्स और घौल जैसी सीरीज भी कर चुकी हैं।  

ज़ाहिर है कि ज़रूरी नहीं है कि सह भूमिका में अपने अभिनय का डंका बजाने वाला एक्टर, बतौर नायक भी वैसा ही प्रभावशाली हो।  कुछ ऐसे अभिनेता हैं जो सह भूमिकाओं में ज़बरदस्त टक्कर देते हैं।  इसलिए, उनसे यह अपेक्षा लगा लेना कि वह बतौर नायक भी दर्शक बटोर लाएंगे, बेमानी होगा।  फिल्म की भलाई इसी में है कि यह नायक के सपोर्टिंग बने रहे।  अन्यथा, इनकी फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर ढेर होने में देर नहीं लगती है।




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