‘स्माइल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल फॉर चिल्ड्रन
एंड यूथ' (सिफ्सी) के तीसरे संस्करण का अनावरण मंगलवार को
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता एक्ट्रेस रवीना टंडन की उपस्थिति में किया गया; जिनके
साथ स्माइल फाउंडेशन के एक्जीक्यूटिव ट्रस्टी और चेयरमैन शांतनु मिश्रा और
फेस्टिवल के डायरेक्टर जीतेंद्र मिश्रा भी उपस्थित थे। एक
सप्ताह तक चलने वाला यह फेस्टिवल सीरीफोर्ट ऑडिटोरियम, नई
दिल्ली में आयोजित होगा। प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय जूरी के
अतिरिक्त इस साल सिफ्सी में युवा जूरी बोर्ड भी है, जिसमें बच्चों ने फिल्मों के चयन में
अपने सुझाव दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय जूरी में काराकुम और 'माई
फ्रेंड रैफी' के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता एरेंड आग्थे
(जर्मनी); यूरोपियन चिल्ड्रंस फिल्म एसोसिएशन के चीफ—एडिटर
गर्ट हर्मंस (बेल्जियम); जूनियर फेस्ट की फेस्टिवल डायरेक्टर जुडिटा
सोकुपोवा (चेक गणराज्य), शिक्षा विभाग की हेड, सिनेमाथेक
और टेल अवीव इंटरनेशनल चिल्ड्रंस फिल्म फेस्टिवल की फेस्टिवल डायरेक्टर माइकल मैटस
(इजराइल) और अनुभवी फिल्म निर्माता और यूथ मीडिया एलायंस की एक्जीक्यूटिव
डायरेक्टर चेनटल बोवेन (कनाडा) एवं भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म
निर्माता अनवर जमाल शामिल हैं। इस फिल्म फेस्टिवल के पैनल में फिल्म निर्माता
लौरी गॉर्डन (कनाडा); फिल्म डायरेक्टर-मॉन्ट्रियाल एनिमेशन एफएफ और
प्रवक्ता एवं ट्रेनर, लाइफ स्किल पैरेंटिंग 2.0 मैनलेन कवर (यूएसए)
शामिल हैं।
इस अवसर पर रवीना टंडन ने कहा, 'मैं
आप सबकी आभारी हूं कि आप हमारे अपने सिफ्सी के अनावरण में यहां पहुंचे। यह एक ऐसा
फेस्टिवल है, जिस पर बच्चों को बहुत गर्व होगा कि एक ऐसा
फिल्म फेस्टिवल भी है, जो केवल और पूरी तरह से बच्चों के लिए है। मैं
चाहती हूं कि बच्चे यह संकल्प लें कि वे यहां से जो कुछ भी सीखेंगे, उनका
अनुसरण वे अपने दैनिक जीवन में भी करेंगे। फिल्में हमारे बच्चों को शिक्षित करने
का सबसे अच्छा माध्यम है। इसलिए मैं सिफ्सी को भी धन्यवाद करना चाहती हूं, जिसने
हमारे बच्चों में अच्छाई का संचार करने के लिए एक माध्यम के रूप में काम किया है, क्योंकि
बच्चों के लिए क्या सही है और क्या गलत, यह बात उन्हें सिखाने का यह सही समय है।'
स्माइल फाउंडेशन के एक्जीक्यूटिव
ट्रस्टी और चेयरमैन शांतनु मिश्रा ने कहा,
'मैं उम्मीद करता हूं कि सिफ्सी के
माध्यम से, हम बच्चों व युवाओं की ऊर्जा को एक सकारात्मक
तरीके में मार्ग दिखाने और सामाजिक परिवर्तन लाने की प्रक्रिया में उन्हें सक्रिय
रूप से शामिल करने में सक्षम होंगे। सिफ्सी के पीछे का आइडिया इंफोटेनमेंट उद्योग
में बढ़ती दिलचस्पी पैदा करने और उन्हें सहयोग देने के लिए फिल्म कार्यक्रमों का
उत्कृष्ट मिश्रण डिजाइन करना है। इसमें वह प्रोग्रामिंग भी शामिल है, जो
विश्व सिनेमा के लिए दर्शकों को तैयार करती है,
साथ ही करियर के विकास में
फिल्मनिर्माताओं का सहयोग भी करना है, ताकि गंभीर परंतु प्रभावी सामाजिक संदेशों का
प्रसार करने के लिए एक केंद्रित रीति में इस शक्तिशाली माध्यम को और खोजा जा सके।'
फेस्टिवल डायरेक्टर जीतेंद्र मिश्रा ने
कहा, 'सिफ्सी किसी भी पक्षपात के बिना युवा, आकांक्षी
और स्वतंत्र लोगों के बीच एक अर्थपूर्ण सिनेमा में बढ़ती दिलचस्पी का प्रोत्साहित
व समर्थित करने हेतु एक अनोखा प्लेटफॉर्म है। इस यह हम काफी सौभाग्यशाली रहे हैं
कि हमें कई सारे अंतरराष्ट्रीय साझेदारी मिले,
जिन्होंने विभिन्न सिनेमेटिक अनुभवों
और संबंधित क्षमता निर्माण के वर्कशॉप्स के माध्यम से बच्चों और युवाओं का मनोरंजन
करने, उन्हें शामिल, शिाक्षित और सशक्त करने की हमारी पहल
की ओर अपना सहयोग बढ़ाया है। फिल्म निर्माण,
सिनेमेटोग्राफी, साउंड
डिजाइन, प्रोडक्शन डिजाइन, स्टोरी
टेलिंग और फोटोग्राफी पर इंडस्ट्री के विशेषज्ञों द्वारा नियमित तकनीकी वर्कशॉप्स
के अलावा, हमने ‘पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन‘, ‘सड़क
सुरक्षा', ‘जीवन कौशल का विकास‘ और
सिनेमा की भूमिका पर पैनल चर्चा और फोरम्स का आयोजन भी किया है।'
मीकेमिन क्लिंकस्पूर द्वारा निर्देशित
बेल्जियम, स्वीडन,
नॉर्वे, नीडरलैंड द्वारा संयुक्त रूप से
निर्मित ‘क्लाउड बॉय‘
के अलावा रीमा दास की भारतीय प्रोडक्शन
‘विलेज
रॉकस्टार्स‘ को इस एक हफ्ते लंबे फेस्टिवल के लिए ओपनिंग
फिल्म के रूप में चुना गया है। 30 से ज्यादा देशों से 100 से ज्यादा फिल्मों को इस
साल के फेस्टिवल में दर्शाया जाएगा जिसमें फीचर फिल्म, नॉन—फीचर, शॉर्ट
व डॉक्यूमेंट्री और बच्चों द्वारा बनाई गई फिल्में शामिल हैं। सात दिनों तक चलने
वाले, इस फेस्टिवल में एक छोटी बच्ची की आंखों से जंग
के बारे में बनाई गई फिल्म ‘द डे माई फादर बिकेम अ बुश‘, इरान
की ‘नफास‘ और ‘ग्लासेज़‘
जैसे फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी।
दुनिया भर से बच्चों द्वारा बनाई गई 25 शॉर्ट फिल्मों को भी ‘टेक
वान‘ सेक्शन में दिखाया जाएगा। साथ ही, इस फेस्टिवल में फिल्म निर्माण, फोटोग्राफी, स्टोरीटेलिंग, आर्ट
डिजाइन और अन्य क्षमता निर्माण गतिविधियों पर वर्कशॉप भी शामिल होगी। इस साल
ऑस्कर की चयन समिति में शामिल रहने वाले पुरस्कार विजेता साउंड डिजाइनर अमृत
प्रीतम दत्ता साउंड डिजाइन के वर्कशॉप का आयोजन करेंगे। साउथ एशियन चिल्ड्रंस
सिनेमा फोरम की संस्थापिका मोनिका वाही द्वारा इस फिल्म कार्यक्रम को क्यूरेट किया
जाएगा। सिफ्सी जनता, खासतौर
पर बच्चों व युवाओं को संवेदनशील बनाने, और समाज में बदलाव लाने की प्रक्रिया में
उन्हें सक्रिय रूप से शामिल करने के लिए एक माध्यम के रूप में फिल्मों का प्रयोग
करने के स्माइल फाउंडेशन के प्रयासों की झलक है।
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