Saturday, 2 December 2017

संजय लीला भंसाली के चेहरे पर मुस्कराहट का रहस्य !

दिल्ली के संसद भवन में मौजूद पत्रकार तस्दीक करते हैं कि संसदीय समिति के समक्ष पेश होने के बाद गार्ड्स से घिरे पद्मावती के निर्देशक संजय लीला भंसाली के चेहरे पर मुस्कराहट थी।  उनकी यह मुस्कराहट पद्मावती के रिलीज़ से ठीक पहले खड़े हुए विवादों के बाद ख़त्म हो गई थी।  उन्होंने लम्बी चुप्पी भी साध ली थी। हालाँकि, खबरों के अनुसार संसदीय समिति ने भंसाली की खिंचाई की कि उन्होंने बिना सेंसर को पेश किये, फिल्म की रिलीज़ की तारीख कैसे तय कर दी थी, उन्होंने चुने हुए दो पत्रकारों को सेंसर से पहले फिल्म क्यों दिखाई और दो चैनलों से अपनी फिल्म के पक्ष में प्रचार करवा का सेंसर बोर्ड को प्रभावित करने की कोशिश क्यों की! बहरहाल, संजय लीला भंसाली इन कडुवे सवालों के बावजूद इत्मीनान में नज़र आये तो इसका मतलब है कि सब कुछ ठीक हो चुका है और होता जा रहा है।  खबर है कि अब पद्मावती के लोगों की तरफ से पद्मावती का विरोध करने वालों को शांति का सन्देश दिया जायेगा। खुद संजय लीला भंसाली फिल्म पर रोक लगाने वाले उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के मुख्य मंत्रियों से मिल कर स्थिति साफ़ करेंगे। राजस्थान की मुख्य मंत्री से बैठक लगभग तय है।  संजय लीला भंसाली व्यक्तिगत रूप से सभी को यह बताएँगे कि उनकी फिल्म में पद्मावती-खिलजी रोमांस का कोई दृश्य नहीं है तथा फिल्म में राजपूतों के सम्मान को ठेस पहुंचाने का प्रयास नहीं किया गया है।  फिल्म से पहले यह  डिस्क्लेमर भी चलाया जायेगा कि यह फिल्म और इसके किरदार काल्पनिक है और मालिक मोहम्मद जायसी की पुस्तक पद्मावत पर आधारित हैं।  मुख्य मंत्रियों से भंसाली की मीटिंग के बाद सेंसर बोर्ड दिसंबर में पद्मावती की स्क्रीनिंग करेगा और उपयुक्त प्रमाण पत्र देगा।  ऐसी दशा मे यह उम्मीद की जा सकती है कि पद्मावती फरवरी में रिलीज़ की जाए। फरवरी में फिलहाल परी, सोनू के टीटू की स्वीटी, हिचकी, परमाणु: द स्टोरी ऑफ़ पोखरण और लव सोनिया जैसी फ़िल्में ही रिलीज़ होनी है। यह महीना पद्मावती के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।  

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