दुनिया ने भले ही बहुत तरक्की कर ली हो, पर कुछ ऐसे भी लोग
हैं जिनकी मानसिकता अभी तक स्टोन ऐज में ही फँसी पड़ी है । ऐसी दकियानूस मानसिकता का सबसे पहला और बेहद आसान निशाना बन जाते हैं एक्टर्स । इसी के चलते स्लट-शेमिंग
जैसी आफत का इनको आये दिन सामना करना पड़ता है । दीपिका पादुकोण से लेकर प्रियंका
चोपड़ा, सना शेख, ईशा गुप्ता जैसी बहुत एक्ट्रेसेस ने अपने पहनावे पर बुरी चर्चा का
डटकर मुकाबला किया है ।
अपने शो इक्यावन में प्राची तेहलान ‘टॉमबॉय’ की भूमिका निभा रही हैं । उन्होंने एक मंच के माध्यम से अपना नजरिया
पेश करते हुए यह कहा कि ‘किसी के पहने हुए कपड़ों पर अपनी राय देना मुझे हमेशा से ही काफी परेशान
करती आई है । अपने ही शो में सुशील की भूमिका निभाते समय मुझे यह महसूस हुआ था कि
इस तरह के बुरे और अप्रिय टिप्पणियों का एक लड़की के मन पर क्या असर हो सकता है ।
किसी का भी हक़ नहीं बनताकि वह दूसरों के पहनावे पर धावा बोलें।’
प्राची बहुत ही शुक्रगुज़ार हैं कि उन्हें कभी इस
तरह के बुरे तजुर्बे से नहीं गुज़ारना पड़ा। ‘जिस दिन में पैदा हुई (३ अक्टूबर १९९३) तब से लेकर आज तक मुझे कभी भी ऐसे गुस्सा दिलानेवाले चरित्रों का
सामना करना नहीं पड़ा। मैंने चाहे जोभी फ़ैसला लिया हो, मेरे माता-पिता ने
मुझे पूरी तरह से सपोर्ट किया। पहले मैं स्पोर्ट्स में थी और फिर एक्टिंग शुरू की।
हर कदम पर मुझे मेरे अपनों का पूरा सहारा मिला। शायद यही वह है कि आज मैं अपनेसारे
डिसिशन्स साहस से खुद ले पाती हूँ। आखिरकार बात यही है कि अगर आपके अपने लोगों को
आपके कुछ कहने, करने या पहनने से कोई दिक्कत नहीं है, तो औरों की राय कोई माईने नहीं रखता।'
पद्मावती के हीरो रणवीर सिंह के फिल्म में पहने
हुए पोशाक को लेकर जब चर्चा हुई तो प्राची ने कहा कि फिल्म जगत में मर्दों को भी
बेहुदा टिप्पणियों से नहीं बख्शा जाता । इसी से यह बात साफ़ होकर सामने आती है कि
मुद्दा महज़ लड़का या लड़की या उनके पहनावे का नहीं है। दरअसल यह उससे भी बढ़कर लोगों
के मनों में गढ़ी हुई दूसरो को बेवजह जज करने की बुरी आदत है।
खैर, हमारे पसंदीदा एक्ट्रेसेस का भी कुछ ऐसा ही रवैय्या रहा है । चाहे वह
दीपिका, प्रियंका या ईशा गुप्ता रहीं हों। इन सभी ने या तो बिना रियेक्ट किए
शांत रहकर या फिर ज़बरदस्त अंदाज़ में मुँहतोड़ जवाब देकर इनका सामना किया है।
आज की दौर में, सेलिब्रिटी हमारे समाज के आदर्श माने जाते हैं।
लिहाज़ा वह आम जनता के सामने सही मिसालें रखें,
यह उनकी ज़िम्मेदारी बन कर रह जाती है। यह देखकर
अच्छा लगता है कि यह लोग अपने बारे मेंकॉन्फिडेंट महसूस करते हैं।
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