Sunday, 17 December 2017

पैडमैन : अब तक कहाँ छुपा था भारत का यह सुपर मैन !

अक्षय कुमार, सोनम कपूर और राधिका आप्टे अभिनीत फिल्म पैडमैन का ट्रेलर।  इस फिल्म के निर्देशक आर बाल्की हैं।  उनकी लिखी और निर्देशित फिल्मों का कथानक बिलकुल अलग सा होता है।  उनकी पहली दो फ़िल्में चीनी कम और पा मनोरंजन भी करती थी। लेकिन, षमिताभ में उन्होंने दर्शकों को पकाने की भरपूर कोशिश की।  की एंड का का अर्थ ही समझ से बाहर था।  अब वह पैड मैन लेकर आये हैं।  दर्शकों को अब तक यह मालूम हो गया है कि पैड मैन महिलाओं के लिए सस्ते सेनेटरी पैड  बनाने वाले अरुणाचलम मुरुगनांथम की ज़िन्दगी पर फिल्म है।  अरुणाचलम की सस्ते पैड बनाने वाली मशीन २००६ में ही नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन द्वारा मान्य कर ली गई है।   देखने वाली बात होगी कि पिछले ११ सालों में इस मशीन से महिलाओं में कितनी जागरूकता पैदा हुई।  इसका छोटे तबकों में किस हद तक उपयोग हुआ।  अब अक्षय कुमार ने इस कथानक पर  फिल्म बनाई है तो मक़सद जागरूकता ही होगा।  क्या पैड मैन  यह जागरूकता पैदा कर पायेगी?  ट्रेलर से  तो यह फिल्म अपने बोल्ड संवादों और दृश्यों के कारण दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींच लाने वाली  लग रही है।  इस ट्रेलर के एक दृश्य में अक्षय कुमार का चरित्र अपनी ऑन स्क्रीन बहनों को अपने बनाये सेनेटरी पैड दिखा कर माहवारी के  दिनों में उनका उपयोग करने के लिए कहता है।  ट्रेलर के दृश्यों में  अक्षय कुमार सेनेटरी पैड को  महिलाओं की तरह खुद उपयोग करते दिखाए गए हैं।  यह दृश्य दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींच लाने वाले साबित होंगे।  लेकिन, क्या आर बाल्की कोई ऐसी प्रभावशाली फिल्म बना पाए होंगे, जो गाँव और छोटे शहरों की महिलाओं को प्रेरित करे? क्या इस फिल्म के बाद सस्ते सेनेटरी पैड छोटे तबकों की गरीब महिलाओं तक पहुँच सकेंगे ? क्या यह गरीब लोग इन्हे भी खरीद सकेंगे? जहाँ तक अक्षय कुमार की बात है, वह टॉयलेट एक प्रेम कथा के अपने चरित्रों को कंधे पर लादे लग रहे हैं।  

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