Thursday 6 September 2018

बड़ी और छोटी फिल्मों के आइटम सांग्स का फर्क !

निर्देशक सचिन गुप्ता, आजकल सेंसर बोर्ड से  काफी नाराज़ चल रहे हैं।

पहले उनकी  फिल्म को कथित रूप से क्रूड बता कर प्रमाणपत्र  देने से मना कर दिया गया । इससे उनकी फिल्म तय तारीख़ पर रिलीज़ नहीं हो सकी ।

सचिन गुप्ता ने मीडिया को बताया कि बोर्ड ने अवैध बाल व्यापार पर उनकी फिल्म का एक गीत 'खबरें गरम' काटने को कह दिया ।

सचिन गुप्ता के अनुसार उनका यह गीत ओमकारा के बीडी जलाई ले और अग्निपथ के चिकनी चमेली की लाइन पर मुजरानुमा गीत है ।

सचिन कहते हैं, “बोर्ड ने कहा, यह फिल्म मे कुछ अच्छा नहीं लग रहा ।“

सचिन गुप्ता शायद यह कहना चाहते हैं कि सेंसर बोर्ड के सदस्य छोटी और बड़ी फिल्म के आइटम सांग्स में फर्क कर रहे हैं ।

बकौल उनके, हालिया रिलीज़ फिल्म स्त्री के कमरिया और सत्यमेव जयते के दिलबर गीत को पारित कर दिया, लेकिन उनकी फिल्म के गीत को अच्छा नहीं बता दिया ।

पहली नज़र में सचिन गुप्ता की नाराज़गी जायज लगती हैं । क्योंकि, आइटम सांग्स के ज़रिये फिल्मों को सफलता दिलाई जा सकती है ।

हालिया फिल्म स्त्री और सत्यमेव जयते इसका प्रमाण तो है ही कि उनके कमरिया और दिलबर गीत ने दर्शकों को सिनेमाघरों तक लाने में मदद की ।

इस लिहाज़ से सचिन की निराशा स्वाभाविक है कि उनका आइटम सांग दर्शक देख ही नहीं पायेंगे तो सिनेमाघर तो क्यों आएंगे ?

मगर, पाखी के आइटम और बाकी की फिल्मो के आइटम सांग्स में बड़ा फर्क है ।

अगर, ऊपर दिए गए गीत के विडियो को देखें तो यह साफ़ हो जाएगा कि अनामिका शुक्ल पर फिल्माए गए आइटम सांग खबरें गर्म में कोई गर्मी नहीं है । अनामिका सुस्त हाथ पैर मारती नज़र आती है । ऐसे गीत को देखना कैसे गर्म हो सकता है ?

हो सकता है कि सेंसर को सही लगा हो कि यह गीत फिल्म के लिहाज़ से अनावश्यक है ।



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