Sunday, 16 September 2018

बॉलीवुड फिल्मों में विलेन का जलवा !

बॉलीवुड में विलेन यानि खल किरदार फिर सर उठा रहा है। हीरो को सुपर हीरो बनाने में विलेन का जितना सहयोग है, उतना किसी किरदार का नहीं। हिंदी फिल्मों का इतिहास गवाह है कि कभी कभी तो हीरो पर भी भारी पड़ जाता है विलेन।  इसे. रणवीर सिंह से अच्छा दूसरा कौन अभिनेता समझ सकता है।  इसीलिए, वह संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत में पद्मावती के रावल रतन सिंह बनने के बजाय, पद्मावती के प्रति हवस रखने वाले अलाउद्दीन खिलजी बन गए।  नतीजा भी सामने है। आज वह ३०० करोड़ का कारोबार करने वाली फिल्म के खलनायक बन चुके हैं।  उनके नाम के साथ ३०० करोड़ क्लब वाला अभिनेता का विशेषण लग चुका है। इसी साल रिलीज़ फिल्म बागी २ में, गुमनामियों में खो चुके स्मिता पाटिल और राज बब्बर के बेटे प्रतीक बब्बर और दर्शन कुमार अपने अपने खल किरदारों में उभर कर आते हैं।  उन्ही की बदौलत टाइगर श्रॉफ का नायक महा नायक बन कर उभरता है।

दोस्त दुश्मन
हिंदी फिल्मों का कोई ख़ास चेहरा विलेन नहीं। लव रंजन  की फिल्म सोनू के टीटू की स्वीटी में कहने को तो कार्तिक आर्यन, सनी निज्जर के दोस्त है। लेकिन, उनकी हरकते उनसे दुश्मनी निभाती लगती है। उन्हें, सनी की नुसरत भरुचा से शादी नापसंद है तो वह इसे तुड़ा कर ही मानते हैं।  ऐसे दोस्त दुश्मन हिंदी फिल्मों में बहुत कम देखने को मिलते हैं। हिंदी फिल्मो के कल्लू मामा सौरभ  शुक्ल की दुश्मनी तो गज़ब की है। वह उनकी हवेली में इनकम टैक्स रेड डालने आये अजय देवगन को छका मारते हैं।  इतना ठंडा मगर दोष विलेन हिंदी फिल्म दर्शकों ने देखा नहीं होगा।  सुधीर मिश्रा की पोलिटिकल थ्रिलर फिल्म दास देव में तो खल किरदारों की भरमार है। यहाँ तक कि फिल्म का नायक भी विलेन की छाया से उबर नहीं पाता।

विलेन के चक्कर में सलमान खान
आलिया भट्ट को १०० करोड़ की नायिका बनाने वाली फिल्म राज़ी की सहमत इस तरह चर्चा में नहीं आती, अगर फिल्म में अब्दुल नहीं होता। राज़ी का अब्दुल घर का नौकर है। वह सहमत को घर में जासूसी करते देख लेता है। इस पर सहमत को उसे मारना पड़ता है।  इस किरदार को आरिफ ज़करिया ने बहुत कम संवाद बोल कर भी ज़बरदस्त किया है।  सलमान खान की फ्लॉप फिल्म रेस ३ में तो विलेन किरदारों की भरमार है।  अनिल कपूर, बॉबी देओल, फ्रेड्डी दारुवाला, आदि सलमान खान के सिकंदर के दुश्मन है। हालाँकि, कुछ ज़्यादा क्लासी होने के चक्कर में रेस ३ के सभी किरदार अपना प्रभाव खो बैठते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि संजू में संजय दत्त का किरदार करने में, रणबीर कपूर ने कमाल कर दिया है। लेकिन, उनके संजू को नशे का लती बनाने वाला दोस्त जुबिन मिस्त्री को कैसा भुलाया जा सकता है।  वही तो संजू को सहानुभूति का चेहरा बनाता है।  इस किरदार को फिल्म में जिम सर्ब ने किया है।

कमज़ोर विलेन फ्लॉप फिल्म  
मास्टर ऑफ़ सस्पेंस अल्फ्रेड हिचकॉक ने कहा था कि विलेन जितना सफल होता है, फिल्म उतनी ही सफल होती है।  यानि किसी फिल्म की सफलता के लिए उसके विलेन को काफी स्ट्रांग होना चाहिए।रेस ३ के विलेन, सलमान खान के सिकंदर के मुक़ाबले कमज़ोर थे।  नतीज़तन फ़िल्म फ्लॉप हो गई।  साहब बीवी और गैंगस्टर ३, मुल्क और विश्वरूपम २ के विलेन भी नायक के मुक़ाबले कमज़ोर साबित होते थे। यही कारण है कि आने वाली कुछ फिल्मों में विलेन को मज़बूत बनाया गया है। यह विलेन किरदार प्रतिभावान एक्टर कर रहे हैं। 

रजनीकांत की फिल्म २.० के अक्षय कुमार - हालाँकि, अक्षय कुमार बॉलीवुड के बड़े सितारे हैं।  उनके नाम पर फिल्म हिट हो जाती हैं।  लेकिन, अक्षय कुमार को फिल्म २.० का विलेन केवल इसलिए नहीं बनाया गया है।  इस फिल्म के नायक रजनीकांत है। रजनीकांत की अपनी मन्नेरिस्म है, अपना क्रेज हैं और व्यक्तित्व है। ऐसे एक्टर के नायक को कमज़ोर बनाने से ज़्यादा उसके खलनायक को  मज़बूत बनाने की ज़रुरत होती है। इसीलिए अक्षय कुमार को फिल्म के बुरे आदमी डॉक्टर रिचर्ड उर्फ़ क्रो मैन की भूमिका के लिए लिया गया है।  फिल्म में अक्षय कुमार बहुत कम अपने मूल चहरे में नज़र आएंगे। लेकिन, उनकी मौजूदगी उनके विलेन को काफी मज़बूत बना देगी।फिल्म को अखिल भारतीय प्रसिद्धि तो मिलेगी ही। 

हृथिक रोशन की फिल्म सुपर ३० के पंकज त्रिपाठी - सुपर ३० कोई एक्शन फिल्म नहीं है। यह एक सामजिक फिल्म है। फिल्म अग्निपथ  में संजय दत्त के चमचे बने पंकज त्रिपाठी सुपर ३० में हृथिक रोशन के सामने आ गए हैं।  इस फिल्म में वह छात्रों को मुफ्त गणित पढ़ाने वाले आनंद कुमार के कट्टर विरोधी बने हैं।  इस किरदार में कोई लाउडनेस नहीं है। सूना जा रहा है कि इस किरदार के लिए पंकज पर प्रोस्थेटिक मेकअप किया गया है। लेकिन, इस किरदार को संयत एक्टर की ज़रुरत होगी। इस भूमिका में, फिल्म न्यूटन के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाने वाले पंकज त्रिपाठी से बढ़िया एक्टर कोई नहीं हो सकता था। 

रणवीर सिंह की फिल्म सिम्बा के सोनू सूद - सोनू सूद, अगर  कंगना रनौत की ऐतिहासिक फिल्म मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी से निकल न गए होते तो इस फिल्म में रानी लक्ष्मी बाई के दुश्मन सदाशिव की भूमिका कर रहे होते।  अब इस भूमिका में बेहतर अभिनय करने वाले रांझणा के पंडित मुरारी की भूमिका करने वाले एक्टर मोहम्मद ज़ीशान अयूब आ गए हैं। वैसे सोनू सूद के पास, रोहित शेट्टी की फिल्म सिम्बा की खल भूमिका भी है। यह किरदार लार्जर देन लाइफ है।  सोनू सूद को इस प्रकार की भूमिकाये करने में महारत हासिल है। वह दबंग में सलमान खान को ज़बरदस्त टक्कर दे चुके है।  इसलिए, सिम्बा में रणवीर सिंह के भ्रष्ट पुलिस अधिकारी और माफिया का सोनू सूद के माफिया का ज़ोरदार टकराव होगा।

रणबीर कपूर की फिल्म ब्रह्मास्त्र की मौनी रॉय-  टेलीविज़न पर सती से नागिन तक के भिन्न किरदार करने वाली मौनी रॉय की पहली हिंदी फिल्म गोल्ड रिलीज़ हो चुकी हैं। इस फिल्म में वह अक्षय कुमार की पत्नी की भूमिका में थी। लेकिन, ब्रह्मास्त्र में उनका किरदार बुरे शेड वाला होगा।  खबर है कि रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की इस फ़न्तासी फिल्म में मौनी रॉय का किरदार नागिन जैसा चमत्कार करने वाला, मगर बुरा किरदार हो सकता है। 

प्रभाष की फिल्म साहो में मंदिरा बेदी और नील नितिन मुकेश-  बाहुबली एक्टर प्रभाष की खालिस एक्शन फिल्म साहो से मंदिरा बेदी वैम्प और नील नितिन मुकेश विलेन किरदार कर रहे होंगे। मंदिरा बेदी को बॉलीवुड में बतौर नायिका सफलता नहीं मिली है।  नील के साथ भी कुछ ऎसी ही कहानी है। वह हीरो की भूमिका में अनुपयुक्त माने गए।  यह दोनों ही, प्रभाष की इस फिल्म में खल भूमिकाये कर रहे हैं। इन दोनों की भूमिका का खुलासा नहीं है, लेकिन मुख्य विलेन यही दोनों होंगे। सुना जा रहा है कि इस फिल्म के बाद मंदिरा बेदी के लिए बॉलीवुड की वैम्प बनने का रास्ता साफ़ हो जायेगा। 

हिंदी फिल्मों में विलेन और वैम्प का चेहरा बदल रहा है । अमिताभ बच्चन के एंग्री यंगमैन के खिलाफ खडा लाउड विलेन अब संयमित भी हो रहा है । वह, सिम्बा और २.० में लाउड तो होगा ही, लेकिन सुपर ३०, ब्रह्मास्त्र और साहो में उसे सतह पर भी रहना होगा । ऐसी भूमिकाओं के लिए सशक्त अभिनेता कामयाब हो पाते हैं । इसलिए, पंकज त्रिपाठी, नील नितिन मुकेश, आदि अभिनेताओं की ज़रुरत महसूस की जाती है । 


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