नंदा ने सफल बनाया था राजेश खन्ना को सुपरस्टार बनाने वाली इत्तेफाक को !

निर्माता बीआर चोपड़ा के बैनर बीआर फिल्म्स के अंतर्गत निर्मित और १० अक्टूबर १९६९ को प्रदर्शित फिल्म इत्तेफ़ाक़ रहस्य रोमांच से भरपूर अनोखी हत्या रहस्य फिल्म थी। इस फिल्म में जान डाल दी थी फिल्म के कलाकारों ने। वास्तविकता तो यह है कि इत्तेफ़ाक़ को बड़ी सफलता इन्ही कलाकारों की छवि के कारण ही मिली।
फिल्म इत्तेफ़ाक़ का निर्देशन बीआर चोपड़ा के छोटे भाई यश चोपड़ा ने किया था। यश चोपड़ा उस समय तक धूल का फूल, धर्मपुत्र, वक़्त और आदमी और इंसान का निर्देशन कर चुके थे। उनकी निर्देशित यह पांचवी फिल्म उनकी अब तक निर्देशित फिल्म विधा से भिन्न विधा वाली फिल्म थी। इस फिल्म की कथा-पटकथा जीआर कामथ ने लिखी थी। संवाद लेखक अख्तर उल ईमान थे। फिल्म का संगीत सलिल चौधरी ने दिया था।
१९६५ में प्रदर्शित अमेरिकी अपराध रहस्य फिल्म साइनपोस्ट पर आधारित इत्तेफ़ाक़ में, राजेश खन्ना और नंदा की मुख्य भूमिका के अतिरिक्त सुजीत कुमार, बिंदु, मदन पूरी, गजानन जागीरदार और इफ़्तेख़ार सह भूमिकाओं में थे। पूरी फिल्म एक मकान पर केंद्रित फिल्म थी। फिल्म की कुल अवधि १०५ मिनट थी। इन १०५ मिनटों में दर्शकों को कुछ सोचने का अवसर नहीं मिलता था।
पूरी फिल्म दिलीप रॉय नाम के भगोड़े कैदी का पीछा करती थी। उस पर अपनी पत्नी की हत्या का आरोप है तथा वह पागलखाने से भागता है। दिलीप रॉय भागता हुआ एक अकेली स्त्री रेखा के मकान में आ घुसता है। उस मकान में आने के बाद, दिलीप रॉय क्या बच पाता है या उसके चारो और अपराध का एक अन्य जाल बुन दिया जाता है। यही फिल्म इत्तेफ़ाक़ का रहस्य और रोमांच था। यह रहस्य फिल्म का अंत आते आते दर्शकों को स्तब्ध कर देता है। वह चकित रह जाता है।
इत्तेफ़ाक़ में दिलीप रॉय की भूमिका राजेश खन्ना ने की थी। इस फिल्म से पूर्व राजेश खन्ना ने आखिरी खत, राज़, औरत, बहारों के सपने, ख़ामोशी और डोली जैसी फिल्मे की थी। उस समय तक राजेश खन्ना की उनको हिंदी फिल्मों का पहला सुपरस्टार बनाने वाले छवि नहीं बनी थी। किन्तु, इस फिल्म के बाद, राजेश खन्ना को अपने नाम अनोखा कीर्तिमान बनाने का अवसर दिया।
फिल्म में रेखा की भूमिका अभिनेत्री नंदा ने की थी। नंदा उस समय की प्रतिष्ठित और स्थापित अभिनेत्री थी। उनकी साफ़ सुथरी छवि थी। वह रोमांटिक या बहन की भूमिका में दर्शकों की प्रिय अभिनेत्रियों में थी।
फिल्म में एक मनोवैज्ञानिक डॉक्टर त्रिवेदी की भूमिका भी थी। इसे गजानन जागीरदार ने किया था। दिलीप रॉय पर पत्नी की हत्या का आरोप उसकी साली रेनू की गवाही के कारण लगता है। इस भूमिका को बिंदु ने किया था। इत्तेफ़ाक़, बिंदु के फिल्म जीवन की पांचवी फिल्म थी। वह इस फिल्म में पहली बार राजेश खन्ना का साथ अभिनय कर रही थी। इस फिल्म की शूटिंग के समय, वह राजेश खन्ना के साथ एक अन्य फिल्म दो रास्ते में भी अभिनय कर रही थी।
इत्तेफ़ाक में कोई गीत नहीं थे। यह उस समय की हिंदी फिल्मों और हिंदी दर्शकों की रूचि से हट कर फिल्म थी। इसके बाद भी इत्तेफ़ाक़ बॉक्स पर सुपरहिट साबित हुई। यह हिंदी में बनी, बिना गीतों वाली चौथी हिट फिल्म थी। इससे पूर्व तीन अन्य फिल्मे नौजवान (१९३७), मुन्ना (१९५४)और कानून (१९६०)ही बिना किसी गीत के भी दर्शकों द्वारा पसंद की गई। कानून का निर्माण भी बीआर फिल्म्स ने किया था। इस फिल्म में नंदा अभिनय कर रही थी। वह यश चोपड़ा की निर्देशक के रूप में पहली फिल्म धूल का फूल की भी नायिका थी।
फिल्म इत्तेफ़ाक़ का निर्देशन यश चोपड़ा ने खाली समय का उपयोग करने की दृष्टि से किया था। उन दिनों, वह धर्मेंद्र, फ़िरोज़ खान और सायरा बानू की फिल्म आदमी और इंसान का निर्देशन कर रहे थे। फिल्म की शूटिंग, नायिका सायरा बानू की सर्जरी के कारण रुक गई थी। इसलिए इस प्रतीक्षा के समय का उपयोग करने के लिए यश चोपड़ा ने इत्तेफ़ाक़ का निर्देशन स्वीकार किया।
इत्तेफ़ाक़ एक छोटे बजट की क्विकी फिल्म थी। फिल्म की पटकथा जीआर कामथ ने मात्र सात दिनों में लिख डाली थी। इस फिल्म का फिल्मांकन २८ दिनों में किया गया। यह फिल्म मात्र तीन महीनो में प्रारम्भ कर प्रदर्शित कर दी गई। अब यह बात दूसरी है कि यश चोपड़ा ने इत्तेफ़ाक़ के बाद बड़े भाई बीआर चोपड़ा की किसी दूसरी फिल्म का निर्देशन नहीं किया।
फिल्म में, नंदा का चुनाव विवादित था । नंदा की छवि को देखते हुए, फिल्म उद्योग की हस्तियों को विश्वास नहीं था कि दर्शक रेखा की भूमिका में नंदा को स्वीकार करेंगे। आईएस जोहर ने तो बीआर चोपड़ा को पागल हो गए हो क्या कह दिया था। स्वयं यश चोपड़ा भी राखी को रेखा की भूमिका देना चाहते थे। किन्तु, राखी जीवन मृत्यु के कारण राजश्री प्रोडक्शन के अनुबंध में बंधी थी। बाद में उनके दिमाग में धूल का फूल की बिन ब्याही माँ माला सिन्हा आई। किन्तु, तब तक बीआर चोपड़ा ने द ट्रैन में राजेश खन्ना की नायिका नंदा को ले लिया था । इससे यश चोपड़ा थोड़ा रुष्ट भी थे।
दर्शक साक्षी हैं कि रेखा की भूमिका में नंदा ने, इत्तेफ़ाक़ को इतनी बड़ी हिट फिल्म बना दिया। वास्तविकता तो यह है कि फिल्म में खूनी कौन के रहस्य को नंदा ही बनाये रख पाई थी। क्योंकि, दर्शकों को विश्वास नही था कि इत्तेफ़ाक़ की कातिल नंदा हो सकती है। बताते हैं कि फिल्म के प्रीव्यू के बाद, यश चोपड़ा ने नंदा से व्यक्तिगत रूप से क्षमा याचना की कि उन्होंने उनकी प्रतिभा को कम आँका।
इत्तेफ़ाक़ की रेखा के चरित्र को लेकर उस समय संचार था कि रेखा की भूमिका करने के लिए साधना और माला सिन्हा ने मना कर दिया था। क्योंकि, यह अभिनेत्रियां अपनी छवि को चकनाचूर कर हत्यारिन स्त्री का चरित्र नहीं करना चाहती थी। तमाम आलोचनाओं के दृष्टिगत बीआर चोपड़ा भी नंदा के चुनाव से सशंकित हो रहे थी। किन्तु, नंदा ने उन्हें आश्वासन दिया कि मैंने पहले ही दृश्य में अपनी मासूम इमेज को चकचूर कर दिया है। इस पहले दृश्य में नंदा शिफॉन की साडी में रोमांटिक अंदाज में खिड़की की ओर चलती दिखाई गई थी। यह दृश्य नंदा की अब तक बनी छवि को नष्ट करने वाला दृश्य था।
इत्तेफ़ाक़ की सफलता ने राजेश खन्ना का सुपरस्टार बना दिया। इत्तेफ़ाक़ के बाद, राजेश खन्ना ने एक के बाद एक निरंतर पंद्रह हिट फिल्मे दी। यह सभी फिल्मों के वह एकल नायक थे। इन फिल्मों में आराधना, दो रास्ते, बंधन, आन मिलो सजना, सच्चा झूठा, सफर, कटी पतंग, आनंद, हाथी मेरे साथी, अंदाज़, अमर प्रेम, दुश्मन, आदि फिल्मों के नाम सम्मिलित है।
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