Monday, 27 October 2025

हॉलीवुड फिल्म घोस्ट की रीमेक थी सफल माँ और असफल प्यार का साया !

हॉलीवुड फिल्म घोस्ट की रीमेक माँ और प्यार का साया 
 

वर्ष १९९१ में, दो रीमेक फिल्मे लगातार दो हफ़्तों में प्रदर्शित हुई थी।  यह फिल्मे हॉलीवुड की १३ जुलाई १९९० को प्रदर्शित पैट्रिक स्वेज़ और डेमी मूर अभिनीत सुपरनेचुरल रोमांस फिल्म घोस्ट के कथानक पर आधारित फ़िल्में थी।  घोस्ट, पति की ह्त्या हो जाने के बाद, पत्नी को बचाने के लिए पति की आत्मा के जतन की रोचक कथा थी। 





इसी कथानक पर १९९१ में दो फ़िल्में बॉलीवुड द्बवारा भी बनाई गई थी। निर्माता बी सुभाष ने, घोस्ट की नक़ल में फिल्म प्यार का साया का निर्माण किया था। इस फिल्म के निर्देशक विनोद के वर्मा थे। प्यार का साया, घोस्ट की कार्बन कॉपी थी। ठीक घोस्ट के कथानक की तरह प्यार का साया का भी पति राहुल रॉय अपनी  हत्या के बाद , पत्नी शीबा को बचाने के लिए आत्मा बन कर उसके चारो ओर घूमता रहता है।  इस फिल्म का प्रत्येक फ्रेम घोस्ट की नक़ल पर था।  यह फिल्म ६ दिसंबर १९९१ को प्रदर्शित हुई थी। 






वही, निर्माता अनिल शर्मा ने होशियारी से काम लिया था। उन्होंने अपनी फिल्म में घोस्ट की नक़ल तो की। किन्तु, कथानक को बड़ी चतुराई से पति के स्थान पर माँ का बना दिया। लेखक श्याम गोयल ने माँ के कथानक में बच्चे को जन्म देने के बाद माँ की हत्या हो जाती है।  उसके बच्चे को भी दुश्मनों से संकट है। इसलिए माँ आत्मा बन कर अपने बेटे को दुश्मनों से बचाती है। इस फिल्म में जयाप्रदा ने माँ की भूमिका की थी। फिल्म में पति की भूमिका में जीतेन्द्र थे। यह फिल्म १३ दिसंबर १९९१ को प्रदर्शित हुई थी। 






माँ को बड़ी चतुराई से प्रस्तुत किया गया था।  बच्चे को बचाने के लिए एक कुत्ते का उपयोग किया गया था।  प्रेतात्मा की सहायता एक मंदिर का पुजारी और बाबा करते है।  इस फिल्म में अनु मलिक ने कर्णप्रिय धुनें बनाई थी। आईने के सौ टुकड़े, बरसात में जब आएगा सावन का महीना चंदा ने दी चाँदनी, आदि गीत बहुत लोकप्रिय हुए थे। 





जहाँ तक अभिनय की बात है प्यार का साया के राहुल रॉय और शीबा फिल्म की कमजोर कड़ी थे। जहाँ हॉलीवुड फिल्म घोस्ट में पति की आत्मा की तड़प देखने लायक थी, वही प्यार का साया में सब कुछ कमजोर था। न राहुल रॉय को अभिनय आता था, न शीबा में प्रेमिका के तत्व थे।  वहीँ, फिल्म माँ में माँ की भूमिका में जयाप्रदा ने दर्शको के आंसू बहा दिए थे।  पूरी फिल्म उनके अभिनय से बंधी हुई  मार्मिक थी।  दर्शक अब क्या होगा कि उलझन में फंसा फिल्म देखता रहता था।  





प्यार का साया, उस समय बनाई गई तमाम नक़ल फिल्मों की श्रंखला में थी। फिल्म के निर्माता बी सुभाष  ने इस फिल्म को बड़ी हड़बड़ी में बनाया था। क्योंकि, उन्हें ज्ञात हो गया था कि अनिल शर्मा की माँ भी घोस्ट से प्रेरित फिल्म थी वह चाहते थे कि उनकी फिल्म माँ से पहले प्रदर्शित हो जाए।  इसी जल्दी में प्यार का साया विवादों में फंसने लगी। फिल्म की शूटिंग के लिए राहुल रॉय ने तारीखे देना बंद कर दिया था। उनकी शिकायत थी कि बी सुभाष फिल्म के शूट हुए ७० प्रतिशत भाग को रीशूट कर रहे थे। इसी हड़बड़ी में उन्होंने फिल्म में राहुल के संवाद डब करवाए थे।





फिल्म प्यार का साया में अमृता सिंह ने एक भविष्यवक्ता की भूमिका की थी। इस भूमिका में उन्हें हूपी गोल्डबर्ग के गेटअप दिया गया था। वह को भविष्यवक्ता नहीं जोकर जैसी लग रही थी। उनका चरित्र भी फिल्म को कमजोर कर रहा था।






जहाँ, घोस्ट की रे की रीमेक प्यार का साया फ्लॉप हुई थी। वही दूसरी रीमेक माँ अपने कथानक के भारतीयकरण के कारण बॉक्स ऑफिस पर सफल हुई थी। जयाप्रदा ने भी फिल्म को चुनने में समझदारी दिखाई थी। वह, निर्माता अनिल शर्मा की दो फिल्मों तहलका और माँ में अभिनय कर रही थी। पारिश्रमिक  के विवाद में, उन्होंने अनिल शर्मा की केवल एक फिल्म करने का निर्णय लिया था। यह फिल्म माँ थी।




  

माँ शीर्षक से निर्मित कुछ अन्य फिल्मे भी  उल्लेखनीय है। जयाप्रदा की फिल्म से १६ साल पहले धर्मेंद्र, हेमा मालिनी और निरुपा रॉय अभिनीत फिल्म माँ प्रदर्शित हुई थी।  इस फिल्म का कथानक सर्कस के लिए जानवर पकड़ने वाले धर्मेंद्र पर केंद्रित था। धर्मेंद्र अपनी माँ के मना करने के बाद भी हाथी और शेर के बच्चो को पकड़ कर सर्कस को बेच देते है। अपनी माँ की मृत्यु के बाद ही धर्मेंद्र का ह्रदय परिवर्तन होता है। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल हुई थी। बाद में इसका तमिल रीमेक रजनीकांत के साथ बनाया गया। 






निर्देशक विशाल फुरिआ की काजोल, रोनित रॉय, इंद्रनील वर्मा अभिनीत फिल्म माँ २७ जून २०२५ को प्रदर्शित हुई थी।  इस फिल्म की कहानी पति की मृत्यु के बाद, पति के पैतृक भवन को बेचने के लिए गई माँ को अपनी बेटी को बचाने के लिए एक सुपरनैचरल शक्ति से संघर्ष करना पड़ता है। पैंसठ करोड़ के बजट से बनी यह फिल्म कठिनाई से ५२ करोड़ का ग्रॉस कर सकी थी। 

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