Thursday, 23 October 2025

अनिल कपूर नहीं बन सके 'बस कंडक्टर'


 

इसे किसका दुर्भाग्य कहा जाये - सतीश कौशिक का, अनिल कपूर का या श्रीदेवी का कि यह लोग बस कंडक्टर नहीं बन सके ? कदाचित इसे, अनिल कपूर का दुर्भाग्य कहना ठीक रहेगा।

 




बस कंडक्टर की घोषणा अनिल कपूर और श्रीदेवी अभिनीत फिल्म लाडला की सफलता के पश्चात् की गई थी। लाडला रिलीज़ से पहले अनिल-श्रीदेवी की जोड़ी की लगातार तीन फ़िल्में गुरुदेव, रूप की रानी चोरों का राजा और हीर राँझा फ्लॉप रही थीं।




 

लाडला की अप्रत्याशित सफलता के बाद, निर्माता नितिन मनमोहन  ने एक मज़दूर वर्ग का एक उच्च समाज की लड़की के प्यार में पड़ने की थीम को जोड़कर उसी सफलता को दोहराने की कोशिश का परिणाम थी इस फिल्म की घोषणा। इस फिल्म का शीर्षक बस कंडक्टर था। इस बस के कंडक्टर अनिल कपूर थे और श्रीदेवी को उनकी बस पर सवार होना था। किन्तुफिल्म की शूटिंग प्री-प्रोडक्शन चरण और प्रिंट मीडिया के लिए किए गए एक ट्रायल शूट से आगे कभी नहीं हो  पाई।

 




श्रीदेवी ने अपने लुक के लिए शॉर्ट-क्रॉप विग को ट्राई किया। १९९० के दशक की शुरुआत में वह कूल दिखती थी, लेकिन तब तक सिनेमा बदल रहा था। जो पहले कामयाब रहा था, वह अब दिलचस्पी नहीं जगा रहा था। शायद इसीलिए, नितिन मनमोहन ने इस प्रोजेक्ट को रोक दिया। 

 




पुनः १९९७ में तब्बू को मुख्य भूमिका में लेकर इस फ़िल्म को फिर से प्रारम्भ  करने की अफ़वाहें मीडिया में फैल रही थीं, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

 




बाद में, नब्बे के दशक में ही इस फिल्म को फिर बनाने की कोशिश की गई। इस बार भी बस कंडक्टर अनिल कपूर थे।  मगर उनकी बस में तब्बू को सवार होना था।  लेकिन, यह फिल्म भी बंद करनी पड़ी। इसके बाद से अब तक किसी ने भी बस कंडक्टर बनाने या बनने की कोशिश नहीं की।

 



वैसे बताते चलें कि १९५९ मे निर्देशक द्वारका खोसला ने प्रेम नाथ को बस कंडक्टर बना कर, उनकी बस में श्यामा और मारुती को सवार करवाया था।  २००५ में माम्मूटी की बस कंडक्टर की भूमिका वाली मलयालम फिल्म बस कंडक्टर का निर्माण किया गया था।

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