ब्रिटिश इंडिया के भागलपुर के बंगाली परिवार में जन्में चार बच्चों में सबसे बड़े थे कुमुदलाल गांगुली । उनसे छोटी बहन सीता देवी की शादी शशधर मुखर्जी से हुई थी । कुमुदलाल ने क़ानून की पढ़ाई की थी वक़ील बनने के लिये । लेकिन दिल लगा रहता था सिनेमा में । वह फिल्म के हीरो नहीं, बढ़िया सिनेमा तकनीशियन बनना चाहते थे । इसलिये जब वह क़ानून की पढ़ाई में फ़ेल हुए तो पिता के कोप से बचने के लिये मुम्बई आ गये बहन के पास। बहनोई शशधर मुखर्जी बॉम्बे टाकीज के टक्नीशियन थे । बॉम्बे टाकीज में उनकी प्रतिष्ठा थी । सो उन्होंने कुमुद को बॉम्बे टाकीज का लैब टेक्नीशियन बना दिया । पाँच साल तक काम करते रहे । एक दिन, बॉम्बे टाकीज में विस्फोट हुआ । बॉम्बे टाँकीज के मालिक हिमांशु राय की बीवी देवियाँ रानी जीवन नैया (१९३६) में अपने नायक नज़मुल हसन के सांथ भाग गयी । कुछ दिन बाद देवियाँ रानी वापस लौट आयी । लेकिन नाराज़ हिमांशु राय ने नज़मुल हसन को नौकरी से बर्खास्त कर दिया । फर्मान जारी कर दिया कि जीवन नैया में देविका रानी के हीरो कुमुदलाल होंगे । इस फिल्म के साथ ही बॉलीवुड के सदाबहार हीरो अशोक कुमार का जन्म हुआ । अशोक कुमार, हिन्दी फिल्मों के पहले एंटी हीरो थे । फिल्म थी डायरेक्टर ज्ञान मुखर्जी की फिल्म क़िस्मत । यह बॉक्स ऑफिस पर एक करोड़ कमाने वाली पहली फ़िल्म थी । उन्होंने अपने ६१ साल लम्बे फिल्म करियर में ३२८ फिल्मों में हर प्रकार की भूमिका की । वह जिस आसानी और ख़ूबी से फिल्म के नायक बनते थे, उसी शिद्दत से वह खलनायक भी बन जाते थे और चरित्र नायक भी । कॉमेडी भूमिका में उनका कोई सानी नहीं था । वह हिन्दुस्तान के पहले रैपर थे । आशीर्वाद फिल्म में उनका गाया रेलगाड़ी गीत फिल्मों का पहला रैप सांग था । उन्हें १९८८ में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिला । १९९९ में पद्मभूषण बने । १३ अक्टूबर १९११ को जन्में हिन्दी फिल्मों के दादा मुनी अशोक कुमार का निधन ९० साल की उम्र में आज ही के दिन २००१ में हुआ था । उन्हें श्रद्धांजलि ।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday 10 December 2017
हिन्दी फिल्मों के पहले एंटी हीरो अशोक कुमार
Labels:
श्रद्धांजलि
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment