Sunday, 10 December 2017

हिन्दी फिल्मों के पहले एंटी हीरो अशोक कुमार

ब्रिटिश इंडिया के भागलपुर के बंगाली परिवार में जन्में चार बच्चों में सबसे बड़े थे कुमुदलाल गांगुली । उनसे छोटी बहन सीता देवी की शादी शशधर मुखर्जी से हुई थी । कुमुदलाल ने क़ानून की पढ़ाई की थी वक़ील बनने के लिये । लेकिन दिल लगा रहता था सिनेमा में । वह फिल्म के हीरो नहीं, बढ़िया सिनेमा तकनीशियन बनना चाहते थे । इसलिये जब वह क़ानून की पढ़ाई में फ़ेल हुए तो पिता के कोप से बचने के लिये मुम्बई आ गये बहन के पास। बहनोई शशधर मुखर्जी बॉम्बे टाकीज के टक्नीशियन थे  । बॉम्बे टाकीज में उनकी प्रतिष्ठा थी । सो उन्होंने कुमुद को बॉम्बे टाकीज का लैब टेक्नीशियन बना दिया । पाँच साल तक काम करते रहे । एक दिन, बॉम्बे टाकीज में विस्फोट हुआ । बॉम्बे टाँकीज के मालिक हिमांशु राय की बीवी देवियाँ रानी जीवन नैया  (१९३६) में अपने नायक नज़मुल हसन के सांथ भाग गयी । कुछ दिन बाद देवियाँ रानी वापस लौट आयी । लेकिन नाराज़ हिमांशु राय ने नज़मुल हसन को नौकरी से बर्खास्त कर दिया । फर्मान जारी कर दिया कि जीवन नैया में देविका रानी के हीरो कुमुदलाल होंगे । इस फिल्म के साथ ही बॉलीवुड के सदाबहार हीरो अशोक कुमार का जन्म हुआ । अशोक कुमार, हिन्दी फिल्मों के पहले एंटी हीरो थे । फिल्म थी डायरेक्टर ज्ञान मुखर्जी की फिल्म क़िस्मत । यह बॉक्स ऑफिस पर एक करोड़ कमाने वाली पहली फ़िल्म थी । उन्होंने अपने ६१ साल लम्बे फिल्म करियर में ३२८ फिल्मों में हर प्रकार की भूमिका की । वह जिस आसानी और ख़ूबी से फिल्म के नायक बनते थे,  उसी शिद्दत से वह खलनायक भी बन जाते थे और चरित्र नायक भी । कॉमेडी भूमिका में उनका कोई सानी नहीं था । वह हिन्दुस्तान के पहले रैपर थे । आशीर्वाद फिल्म में उनका गाया रेलगाड़ी गीत फिल्मों का पहला रैप सांग था । उन्हें १९८८ में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिला । १९९९ में पद्मभूषण  बने । १३ अक्टूबर १९११ को जन्में हिन्दी फिल्मों के दादा मुनी अशोक कुमार का निधन ९० साल की उम्र में आज ही के दिन २००१ में हुआ था । उन्हें श्रद्धांजलि । 

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