निर्देशक मनोज गिरी की बायोग्राफिकल फिल्म दीनदयाल एक युग पुरुष, राष्ट्रीय
स्वयं सेवक संघ के अध्यक्ष दीनदयाल उपाध्याय के जीवन पर फिल्म है । उनकी रहस्यमय
मृत्यु, आज भी
अनसुलझी है। दीनदयाल एक युग पुरुष में उनके संघर्षों के अलावा उनकी मौत के रहस्य
पर भी प्रकाश डालने की कोशिश की गई है।
अनीता राज और दीपिका चिखलिया की वापसी
इस राजनीतिक फिल्म से बॉलीवुड की दो
खूबसूरत अभिनेत्रियों अनीता राज और दीपिका चिखलिया की वापसी हो रही
है। फिल्म में अनीता राज ने दीन दयाल
उपाध्याय की बहन लता खन्ना की भूमिका की है। बताते हैं कि लता का दीनदयाल उपाध्याय
के जीवन में ख़ास महत्व था। धार्मिक सीरियल
रामायण की सीता दीपिका चिखलिया भी फिल्म में पद्मा सिंह की भूमिका कर रही हैं। दीपिका
की भूमिका कहानी के लिहाज़ से ख़ास है। वैसे उनकी भूमिका की ज्यादा जानकारी नहीं दी
गई है ।
सात साल बाद अनीता राज की वापसी
दीनदयाल उपाध्याय के ज़रिये अनीता राज की, सात साल बाद, बड़े परदे पर
वापसी हो रही है। अनीता राज ने रमेश बेदी
की हॉरर फिल्म गहरा राज (१९९६) के १२ साल बाद
आनंद एल राय की फिल्म थोड़ी लाइफ थोड़ा मैजिक (२००८) तथा इसके बाद चार दिन की
चांदनी (२०१२) में अभिनय किया था। इसके
बाद वह टीवी सीरियलों में नज़र आई। वह, आजकल कलर्स के शो छोटी सरदारनी में सरपंच
कुलवंत कौर की नकारात्मक भूमिका कर रही हैं।
और १५ साल
बाद दीपिका
रामानंद सागर के धार्मिक शो रामायण में सीता की भूमिका करने वाली दीपिका
चिखलिया ने, फिल्मों के
चुनाव में भारी गलतियां की। उन्होंने
रामायण के प्रसारण से पहले ही चीख और रात के अँधेरे में जैसी हॉरर फिल्मों में
कामुक भूमिकाये की थी। इन फिल्मों को
रामायण की सीता से जोड़ने की कोशिश ने दीपिका की बड़ी बदनामी की । इसका, उनके हिंदी फिल्म करियर पर बुरा प्रभाव
पढ़ा। संजीव पुरी के निर्देशन में अग्नि पंख (२००४) उनकी आखिरी
फिल्म थी।
२०१८ में गुजराती फ़िल्में
अनीता राज और दीपिका चिखलिया के फिल्म करियर में जमीन-आसमान का फर्क है।
अनीता राज अस्सी के दशक की हिंदी फिल्मों की टॉप अभिनेत्रियों में थी। दीपिका चिखलिया को रामायण सीरियल की सीता के
तौर पर याद किया जाता है। लेकिन, यहाँ खासियत
यह है कि दीपिका चिखलिया और अनीता राज, पिछले साल गुजराती फिल्मों में नज़र आई थी। अनीता राज ने गुजराती फिल्म बगावत (२०१८) तथा दीपिका
चिखलिया भी गुजराती फिल्म नटसम्राट की थी।
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