भूषण कुमार का दिल है कि मानता नहीं। वह एक के बाद एक,
अपने पिता गुलशन कुमार द्वारा १९९० के दशक में बनाई गई संगीतमयी फिल्मों
के रीमेक या सीक्वल बनाते जा रहे हैं। २०१३ में उन्होंने,
अपने पिता की १९९० की संगीतमय रोमांस फिल्म आशिक़ी की सीक्वल फिल्म आशिक़ी २
बनाई थी। हालाँकि, आशिक़ी टाइटल के साथ फिल्म वास्तव में सीक्वल
फिल्म नहीं थी। बल्कि नई स्टारकास्ट और नई कहानी के साथ रोमांस फिल्म थी। इस फिल्म
को बड़ी सफलता मिली। अब भूषण कुमार फिर से सीक्वल के मैदान में उतरे हैं। वह अपने पिता
द्वारा निर्मित और १९९१ में प्रदर्शित आमिर खान और पूजा भट्ट की रोमांटिक जोड़ी
वाली फिल्म दिल है कि मानता नहीं की सीक्वल फिल्म बनाने जा रहे हैं। २०१३ में
प्रदर्शित फिल्म आशिक़ी २ की सफलता के बाद, इस फिल्म का
अगला हिस्सा बनाने का अनुमान लगाया जा रहा था। आशिक़ी २ के तीन साल बाद,
आशिक़ी ३ की सुगबुगाहट सुनाई दी। पता चला कि आशिक़ी २ के निर्देशक मोहित
सूरी ही आशिक़ी ३ के निर्देशक होंगे। परन्तु, जहाँ आशिक़ी
२ में, श्रद्धा कपूर और आदित्य रॉय कपूर की
रोमांटिक जोड़ी थी, आशिक़ी ३ के लिए सिद्धार्थ मल्होत्रा और
आलिया भट्ट को लिए जाने की खबरें थी। उस समय, सिद्धार्थ
मल्होत्रा और आलिया भट्ट की जोड़ी फिल्म कपूर एंड संस की सफलता से चमक रही थी।
लेकिन, आशिक़ी ३ की बात स्क्रिप्ट लिखने में अटक
गई। अब पता चला है कि आशिक़ी ३ को बनाये
जाने का सिलसिला फिर शुरू होने जा रहा है। इसके साथ ही दिल है कि मानता नहीं की भी
सीक्वल फिल्म बिलकुल नई कहानी के साथ बनाई जाएगी।
हालाँकि, आशिक़ी और दिल है कि मानता नहीं के निर्देशक महेश भट्ट सड़क २ से
वापसी कर रहे हैं। लेकिन, ऐसा लगता नहीं कि वह इस सीक्वल फिल्म के भी
निर्देशक हों।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday, 26 April 2020
Bhushan Kumar की दो सीक्वल फ़िल्में
Labels:
Bhushan Kumar,
खबर है,
गर्मागर्म
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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