Sunday 26 April 2020

भारत की वीमेन एचीवर पर हिंदी फ़िल्में

पिछले कुछ महीनों में प्रदर्शित कंगना रनौत की फिल्म मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी, दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक, भूमि पेडनेकर और तापसी पन्नू की फिल्म सांड की आँख के अलावा मिशन मंगल और गुल मकई की दो खासियत हैं।  पहली यह कि यह सभी फ़िल्में अपनी एकाधिक नायिकाओं पर केंद्रित यानि नायिका चरित्र प्रधान फ़िल्में हैं।  दूसरी यह कि यह सभी फ़िल्में बायोपिक है। यानि इनके चरित्र वास्तविक जीवन से लिए गए हैं। बेशक फिल्मांकन के लिए थोड़ी स्वतंत्रता ली गई है, जिसे फिल्म वालों की भाषा में सिनेमेटिक लिबर्टी कहा जाता है।

महिला प्रधान फिल्मों की सफलता
इधर कुछ समय से महिला प्रधान फिल्मों को सफलता मिली है। इस कारण से नारी प्रधान चरित्रों वाली फिल्मों का सिलसिला शुरू हो गया है। यही कारण था कि कंगना रनौत को फिल्म पन्गा में शादी और बच्चा  होने के बाद कबड्डी टीम में वापसी करने वाली महिला की भूमिका में देखा गया। तापसी पन्नू भी फिल्म थप्पड़ में अपने पति का थप्पड़ खाने के बाद प्रतिरोध में घर छोड़ गई थी। सोनम कपूर को एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा और द ज़ोया फैक्टर में केंद्रीय चरित्र करते देखा गया। यानि यह फ़िल्में अपनी नायिका या नायिकाओं पर केंद्रित कथानक वाली फ़िल्में थी। इनमे कुछ फ़िल्में सफल हुई और ज़्यादातर असफल भी हुई।

चर्चित बायोपिक फ़िल्में
इस लिहाज़ से बायोपिक फिल्मों को काफी चर्चा भी मिली और काफी हद तक सफलता भी मिली। इन फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर जैसी सफलता मिली, ऐसी सफलता नायिका प्रधान फिल्मों को पहले कभी नहीं मिली थी। मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी भारत के पहले स्वतंत्र संग्राम की एक सेनानी रानी लक्ष्मी बाई पर फिल्म थी। इस फिल्म में कंगना रनौत ने झाँसी की रानी की भूमिका बखूबी निबाही थी। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ९२ करोड़ के आसपास का कारोबार किया था। लेकिन, लागत अधिक होने के कारण मणिकर्णिका हिट फिल्मों में शामिल नहीं की जा सकी। दीपिका पादुकोण को इसी साल एसिड हमले की शिकार लक्ष्मी अगरवाल की रील लाइफ में देखा गया। फिल्म करने के लिए दीपिका पादुकोण के साहस की सराहना हुई। फिल्म सांड की आँख में बॉलीवुड की ग्लैमरस अभिनेत्रियों तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर ने पश्चिम उत्तर प्रदेश की दो महिला शूटरों की कहानी को परदे पर उतारने के लिए अपने सर पर खड़िया लगाने का साहस किया था। इस फिल्म को सफलता भी मिली। पाकिस्तान की लड़कियों को शिक्षा की वकालत करने के कारण आतंकवादियों की गोली का शिकार और नोबल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई पर फिल्म गुल मकाई, इस साल ३१ जनवरी को प्रदर्शित हुई थी।  इस फिल्म में टीवी अभिनेत्री रीम शैख़ ने केंद्रीय भूमिका की थी। महिला प्रधान और रियल लाइफ फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर सफलता के लिहाज़ से मिशन मंगल का जिक्र करना उपयुक्त होगा। हालाँकि, इस फिल्म के नायक अक्षय कुमार थे। लेकिन, भारत के मंगल पर यान भेजने सफल अभियान पर इस फिल्म के मुख्य चरित्र महिला ही थे। इन भूमिकाओं को विद्या बालन, सोनाक्षी सिन्हा, तापसी पन्नू, नित्या मेनन और कीर्ति कुल्हारी ने किया था। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर २०० करोड़ से अधिक का कारोबार कर पाने में कामयाब हुई थी।

रियल किरदार करने का साहस
हिंदी फिल्म दर्शकों द्वारा अब महिला प्रधान फिल्मों को पसंद किया जाने लगा है। बॉक्स ऑफिस पर इन फिल्मों की अच्छी शुरुआत इसका प्रमाण भी है। यही कारण है कि बॉलीवुड की कई बड़ी अभिनेत्रियों को महिला प्रधान चरित्रों वाली (यहाँ रियल लाइफ चरित्रों वाली) फ़िल्में करने  को प्रेरित किया है। दीपिका पादुकोण का एसिड विक्टिम लक्ष्मी अगरवाल को जले चहरे के साथ परदे पर उतरने का साहस इसका प्रमाण था। आगे भी बॉलीवुड की काफी अभिनेत्रियां रियल लाइफ चरित्रों को सेलुलॉइड पर उतरने जा रही है।

मैरी कॉम के बाद माँ शीला
बॉलीवुड की सबसे सफल अभिनेत्रियों में से एक प्रियंका चोपड़ा की सबसे पहले, संजय लीला भंसाली की बायोपिक फिल्म मैरी कॉम में भारत की ओलिंपिक पदक विजेता मुक्केबाज़ मैरी कॉम की भूमिका को परदे पर बखूबी उतारा था। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल भी हुई थी। उसके बाद प्रियंका चोपड़ा ने पल्मोनरी फाइब्रोसिस की बीमारी की शिकार आइशा चौधरी की माँ अदिति चौधरी की रियल लाइफ भूमिका की थी। अब प्रियंका चोपड़ा, अमेज़न स्टूडियोज की फिल्म शीला में, ओशो की विवादित सचिव माँ  आनंद शीला की भूमिका करने जा रही है।

मणिकर्णिका के बाद थलेवि
नारी प्रधान फ़िल्में करने के लिहाज़ से कंगना रनौत सबसे आगे हैं। उन्होंने मणिकर्णिका के बाद जजमेन्टल है क्या और पन्गा जैसी खुद पर केंद्रित फ़िल्में की। इस समय भी वह नारी प्रधान दो फिल्मों से चर्चित हो रही है। निर्देशक ए एल विजय के तमिल, तेलुगु और हिंदी में बनाई जा रही फिल्म थलेवि में कंगना रनौत ने तमिलनाडु की तमिल फिल्म अभिनेत्री से मुख्य मंत्री पद तक का सफर तय करने वाली जयललिता की भूमिका की है। जयललिता को तमिलनाडु के लोग थलेवि कह कर बुलाते थे। इस फिल्म में कंगना रनौत की अभिनेत्री के कई रूप देखने को मिलेंगे। कंगना रनौत को लेकर एक खालिस एक्शन फिल्म धाकड़ भी बनाई जा रही है।

मिशन मंगल से शकुंतला देवी तक
अभिनेत्री विद्या बालन ने दक्षिण की सी ग्रेड फिल्मों की अभिनेत्री सिल्क स्मिता के किरदार को परदे पर उतार कर अपने अभिनय का लोहा मनवा लिया था। इससे पहले फिल्म नो वन किल्ड जेसिका में मृतक जेसिका की बहन सबरीना की भूमिका में दर्शकों को प्रभावित किया था। विद्या बालन ने मिशन मंगल में भी इसरो की वैज्ञानिक के चरित्र पर आधारित तारा शिंदे की भूमिका से प्रभावित किया था। विद्या बालन ने फिल्म तुम्हारी सुलु से एक बार फिर यह साबित किया था कि नारी प्रधान फिल्मो के लिए वह सबसे उपयुक्त है। अब वह फिल्म शकुंतला देवी में भारत की ह्यूमन कंप्यूटर के सम्बोधन से विख्यात शकुंतला देवी को परदे पर उतार रही है। इस फिल्म के अलावा वह शेरनी फिल्म में भी केंद्रीय भूमिका करेंगी।

गंगूबाई के लिए राज़ी
ज़्यादातर अपनी रोमांटिक कॉमेडी फिल्मों से पहचाने जाने वाली अभिनेत्री आलिया भट्ट को रियल लाइफ फिल्म राज़ी में सहमत की भूमिका से काफी सराहना मिली थी। इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर भी काफी सफलता मिली थी। हालाँकि, इस फिल्म के बाद आलिया भट्ट ने नायिका प्रधान फ़िल्में करने पर बल नहीं दिया। उनकी फिल्म कलंक असफल भी हुई। लेकिन, अब दर्शकों को उनकी दो फिल्मों ब्रह्मास्त्र और गंगूबाई काठियावाड़ी की बेसब्री से प्रतीक्षा है। गंगूबाई काठियावाड़ी में वह कुख्यात कमाठीपुरा कोठों की मालकिन गंगूबाई की भूमिका कर रही है। यह भूमिका इस लिहाज़ से प्रतिष्ठित है, क्योंकि संजय लीला भंसाली इस भूमिका के लिए प्रियंका चोपड़ा को लेना चाहते थे। यह बायोग्राफिकल फिल्म है।

पहली बार गुंजन सक्सेना
श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर की अब तक केवल एक फिल्म धड़क और नेटफ्लिक्स के लिए हॉरर अन्थोलॉजी फिल्म घोस्ट स्टोरीज ही रिलीज़ हुई है। उनकी दूसरी रिलीज़ फिल्म गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल एक बायोपिक फिल्म है। कारगिल के युद्ध में, फाइटर प्लेन उड़ा कर युद्ध क्षेत्र से घायल सैनिकों को निकालने का साहसिक कारनामा करने वाली कारगिल गर्ल से विख्यात गुंजन सक्सेना को फिल्म गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल में परदे पर उतारने जा रही है।

मितली राज और सायना नेहवाल
मिशन मंगल और सांड की आँख में रियल किरदार करने वाली तापसी पन्नू को नारी प्रधान फिल्मों के लिए पहचाना जाता है। वह इस साल थप्पड़ फिल्म में देखी जा चुकी है। वह, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज के करियर पर फिल्म शाबास मिथु में मिताली राज की भूमिका करने जा रही है। पिछले साल की हिट फिल्म केसरी में हवलदार ईशर सिंह की पत्नी की काल्पनिक भूमिका करने वाली अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा पहली बार वास्तविक चरित्र करने जा रही है। वह फिल्म साइना में बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल की भूमिका करेंगी। पहले इस भूमिका को  श्रद्धा कपूर करने वाली थी। इसके अलावा अभिनेत्री जैकलिन फेर्नान्देज़ के अंतर्राष्ट्रीय साइकिलिस्ट डेबोरा हेरॉल्ड की भूमिका करने की भी खबर है।  

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