Sunday, 5 July 2020

Shahrukh Khan की नायिका न बन सकी जो Mumtaj



यहॉं जिस मुमताज़ की बात की जा रही है, वह मुमताज़ नहीं मुमताज है। एक ऐसी हतभाग्य अभिनेत्री, जो शाहरूख खान की नायिका बनते बनते रह गयी ।जिसकी काफी फिल्मे पुरी न हो सकी या रिलीज नहीं हो सकीं।  मुम्बई में जन्मी नग़मा खान उर्फ़ मुमताज़, जब स्कूली पढ़ाई कर रही थी, उसे हिन्दी फिल्म निर्माता सुधाकर बोकाड़े ने देखा। उन्होंने मुमताज़ से वादा किया कि वह दिलीप कुमार के साथ फिल्म कलिंगा बनाने के बाद उसे लेकर फिल्म बनायेंगे। कलिगा दिलीप कुमार की कारगुज़ारियों के कारण कभी पूरी नहीं हो सकी। सुधाकर बोकाड़े आर्थिक परेशानियों में फँसते चले गये। मुमताज की फिल्म शुरू नही हो सकी। फिर चेतन आनन्द ने उन्हें अपने द्वारा निर्देशित की जाने वाली निर्माता भरत शाह की फिल्म में ले लिया। इस फिल्म के नायक शाहरूख खान होने वाले थे। पर यह फिल्म भी चेतन आनन्द की आकस्मिक मौत के कारण बन नहीं सकी। इस फिल्म के लिये मुमताज ने डेढ़ साल तक इंतज़ार किया था। मुमताज को पहली फिल्म मिली तमिल भाषा में निर्देशक टी राजिन्दर की रोमांटिक ड्रामा मोनिसा एन मोनालिसा। इस फिल्म को बनने में डेढ़ साल लग गये । फिल्म की बुरी तरह से धुलाई हुई। इतनी असफलताओं के बाद उन्होंने एक्सटेंडेड गेस्ट एपियरेंस या आईटम गीतों वाली भूमिकाएँ करनी शुरू कर दी । फिर भी उनका इरादा फिल्मों की नायिका बनने का ही था। फिर मुमताज ने अपने लिये चार नायिकाओं वाली फिल्म का निर्माण किया । दो वास्तविक घटनाओं पर आधारित इस फिल्म को घटिया फिल्म की संज्ञा दी गयी। २००६ में मुमताज़ की फिल्म जेरी और टी राजिन्दर की लम्बे समय से रुकी फिल्म वीरासामी से वापसी हुई । लेकिन, इसके बावजूद उनके कई प्रोजेक्ट रुक गये या फिल्में पुरी होने के बावजूद रिलीज नहीं हो सकी। इनमें रविराजा, एसए चन्द्रशेखर और इगोर की फिल्में भी थी। इसके बाद मुमताज फिल्मों में कम नजर आने लगी। २००९ में वह तमिल फिल्म राजाधि  राजा में खल भूमिका मे नजर आयी। उन्हे पिछली बार महेश बाबू की एक्शन तेलुगु फिल्म अगाडू में देखा गया। वह हिन्दी फिल्मों बूँद और यह तेरा घर यह मेरा घर कर चुकी है। मुमताज का जन्म आज ही के दिन ५ जुलाई १९८० को हुआ था।

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