सुपरहिट हॉरर फिल्म राज़ (२००२) के बावजूद, लेखक
निर्देशक विक्रम भट्ट ने लम्बे समय तक हॉरर का रुख नहीं किया। इस बीच वह,
थ्रिलर, क्राइम थ्रिलर,
एक्शन कॉमेडी, रोमांस, आदि जॉनर
में फ़िल्में बनाते रहे। हॉलीवुड की फिल्मों की रीमेक दर्जन भर इन हिंदी फिल्मों
में से ज़्यादातर असफल हुई। इसके बाद, विक्रम भट्ट
ने एक बार फिर हॉरर जॉनर की ओर रुख किया। हॉलीवुड की क्लासिक हॉरर फिल्म द
एक्सॉर्सिस्ट से प्रेरित फिल्म १९२० हिट हुई थी । बाद में,
१९२० सीरीज के अंतर्गत १९२० ईविल रिटर्न्स, १९२० लंदन
और १९२१ बने। विक्रम भट्ट की हॉरर शैली को दर्शक काफी पसंद करते हैं। विक्रम भट्ट
ने भी, इस शैली के प्रति अपने जुनून को अपनी हर एक
फिल्म में प्रदर्शित किया है। अपने फिल्मांकन और संवादों से दर्शकों को झकझोरने के
लिए भट्ट के पास कमाल के हॉरर आइडियाज़ होते है। राज़ के बाद,
१९२० सीरीज की फ़िल्में तथा शापित, हॉन्टेड ३डी,
डेंजरस इश्क़, राज़ ३डी, क्रिएचर ३डी
और राज़ रिबूट के बाद अब घोस्ट इसका प्रमाण है । यह फिल्म एक सच्ची कहानी पर आधारित
है। करण खन्ना पर अपनी पत्नी की हत्या का आरोप है, लेकिन वह
कहता है कि उसकी पत्नी की हत्या किसी आत्मा ने की है। विक्रम भट्ट को फिल्म की
कहानी का विचार अख़बार की उस खबर को पढ़ कर आया, जिसमे एक
ब्रितानी अदालत द्वारा आत्मा के ट्रायल की अनुमति दी थी। कुल मिला कर यह एक शैतान
की ऐसी भयावह कहानी है, जो आपको सदमे और भय से भर देगी। यह फिल्म,
उनकी पहले की घोस्ट फिल्मों से
कुछ अधिक डरावनी फिल्म है। यह आपको उत्तेजित करती है,
डराती है। यह फिल्म दर्शकों को सिनेमाघरों तक आने के लिए मजबूर कर देगी।
पिछले दिनों, इस फिल्म का ट्रेलर जारी हुआ है । यह ट्रेलर
इस बात का सबूत है कि विक्रम भट्ट के हॉरर का जादू दर्शकों को एक अलग दुनिया में
ले जा सकता है, जहाँ हर चीज़ का डर होता है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Monday, 7 October 2019
Ghost की हत्यारी आत्मा !
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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