१९८० और १९९० के दशक की नादिम-श्रवण, जतिन-ललित, राजेश रोशन और अनु मालिक
की कर्णप्रिय धुनों को अर्थपूर्ण शब्द दे
कर लोकप्रिय बनाने वाले गीतकार अनवर सागर नहीं रहे. ७० साल के अनवर सागर आयु-जनित
बीमारियों से ग्रस्त थे. बताते हैं कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. वह
कई हॉस्पिटल में गए. लेकिन, किसी ने भी उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया. अंततः
वह कोकिलाबेन हॉस्पिटल पहुंचे. लेकिन, वहां भी उन्हें यही जवाब मिला. पर इस जवाब
के साथ अनवर वापस नहीं लौट सके. उनका हॉस्पिटल में ही निधन हो गया. उन्होंने
याराना, सलामी, आ गले लग जा, विजय पथ, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, कृष्णा, सलामी, कृष्ण
कन्हैया, सपने साजन के, आदमी, दिल का क्या कसूर, बाज़ी, आदि फिल्मों के गीत लिखे.
खिलाड़ी फिल्म का अक्षय कुमार और आयशा जुल्का पर फिल्माया गया ये वादा रहा जैसा
लोकप्रिय गीत अनवर सागर ने ही लिखा था. अनवर इंडियन परफोर्मिंग राईट सोसाइटी
लिमिटेड के सदस्य थे. लेकिन, यह संस्था भी अनवर की बीमारी में उनकी कोई मदद नहीं
कर सकी. उन्हें श्रद्धांजलि.
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday, 4 June 2020
नहीं रहे ये वादा रहा के अनवर सागर
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श्रद्धांजलि
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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