आरके लक्षमण के आम आदमी वागले को छोटे परदे पर साकार करने वाले अंजन श्रीवास्तव का आज ७३वा जन्मदिन है. इंडियन पीपल्स थिएटर से सक्रियता से जुड़े अंजन श्रीवास्तव ने रंगमंच से लेकर फिल्म और टेलीविज़न तक अपनी अभिनय शैली सिक्का जमाया. जीवन ज्योति (१९७६) से अपने फिल्म करियर की शुरुआत करने वाले अंजन श्रीवास्तव ने चमेली मेमसाब, गोलमाल, कालिया, सजाये मौत, कहाँ कहाँ से गुजर गया, साथ साथ और आगमन जैसी फिल्मों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के बाद अंजन श्रीवास्तव ने सिटकॉम ये जो है ज़िन्दगी सतीश शाह, शफी इनामदार, स्वरुप संपत और राकेश बेदी के सामने छोटे चाचा के किरदार को स्थापित किया. नुक्कड़ और मुज़रिम हाज़िर शो के ठीक बाद अंजन श्रीवास्तव ने लक्षमण के कार्टून करैक्टर वागले को १९८८ से १९९० वागले की दुनिया में दर्शकों के सामने सफलतापूर्वक प्रस्तुत किया. इस सीरियल का निर्देशन कुंदन शाह ने किया था. वागले की दुनिया के एक एपिसोड में शाहरुख़ खान का कैमिया भी था. इस सीरियल के बाद, अंजन श्रीवास्तव फिल्म और टेलीविज़न में सक्रियाता से नज़र आने लगे. उन्हें इस शो के बाद फ़िल्में खूब मिली. हालांकि इन सभी फिल्मों में उने सह भूमिकाये ही मिली. लेकिन, इन फिल्मों को देखते समय दर्शक अपने वागले को आसानी से पहचान जाता था.
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday 2 June 2020
अंजन श्रीवास्तव : छोटे परदे पर आम आदमी के वागले
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Television,
कुछ चटपटी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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