Sunday 19 August 2018

जूनियर और सीनियर बच्चन की तापसी

तापसी पन्नू, मनमर्ज़ियाँ के साथ, बॉलीवुड की उन कुछेक अभिनेत्रियों में शामिल हो गई हैं, जिन्होंने बॉलीवुड के एक्टर बाप- बेटा के साथ फ़िल्में की हैं।

तेलुगु, तमिल और मलयालम फिल्मों की अभिनेत्री तापसी पन्नू का हिंदी फिल्म डेब्यू पाकिस्तानी एक्टर अली ज़फर के साथ फिल्म चश्मे बद्दूर (२०१३) से हुआ था।

पिछले पांच सालों में, तापसी पन्नू ने अक्षय कुमार के साथ बेबी और वरुण धवन के साथ जुड़वाँ २ की। बेबी के बाद, उनकी रिलीज़ रनिंग शादी डॉट कॉम, डब द गाज़ी अटैक और नाम शबाना जैसी फ़िल्में फ्लॉप हुई। तापसी को बॉलीवुड में जमे रहने में सहारा दिया पिंक और जुड़वाँ २ ने।

जुड़वाँ २ ने उनकी सेक्स अपील साबित की, पिंक ने उनकी अभिनय प्रतिभा।

होना तो यह चाहिए था कि तापसी बॉलीवुड के स्टारडम की सीढ़ियां चढाने के लिए ग्लैमरस प्रयास करती। लेकिन, उन्होंने दिल जंगली, सूरमा और मुल्क जैसी भिन्न तरह की फ़िल्में चुनी।

इन फिल्मों में, दर्शकों का ध्यान तापसी के बजाय फिल्म के अभिनेताओं की तरफ गया।  तापसी का किरदार उभर कर सामने नहीं आ सका। 

अब उनकी फिल्म मनमर्ज़ियाँ रिलीज़ होने जा रही है। इस फिल्म में वह संजू के विक्की कौशल के साथ हैं।

इस फिल्म से वह बाप-बेटे की फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्री बन गई हैं।  पिता अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म पिंक करने के बाद वह उनके बेटे अभिषेक बच्चन के साथ फिल्म कर रही हैं।  
लेकिन इस खासियत से अलग, तापसी पन्नू अपराध फिल्मों के लिए मशहूर निर्देशक की फिल्म की नायिका साबित हो रही हैं।

अनुराग कश्यप की फ़िल्में किसी अभिनेत्री को प्रतिष्ठा नहीं दिला पाती । गैंग्स ऑफ़ वासेपुर की ऋचा चड्डा और हुमा कुरैशी उदाहरण हैं कि वह हिंदी फिल्मों में अभी तक अपना मुक़ाम नहीं बना सकी हैं।

शायद, बॉम्बे वैल्वेट की अनुष्का शर्मा को भी अनुराग कश्यप की फिल्म करने का पछतावा होगा।  

ऐसे में, तापसी पन्नू को क्या पड़ी थी कि वह पिंक, नाम शबाना और जुड़वा २ करते करते, मनमर्ज़ियाँ में भद्दे संवाद बोलने को मज़बूर हो गई।  


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