Sunday 11 August 2019

आज़ादी के पर्व पर देश के लिए देश की फ़िल्में !


राष्ट्रीय पर्वों के अवकाश वाले सप्ताह को बॉक्स ऑफिस पर उपजाऊ तो नहीं समझा गया।  लेकिन, त्यौहार पर उमड़ी भीड़ का फायदा उठाने के लिए गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गाँधी जयंती पर फ़िल्में रिलीज़ होती रही।  लेकिन, ऐसा कभी नहीं हुआ कि  बॉलीवुड ने, इन त्योहारों को सेलिब्रेट करने के लिए कभी ख़ास तौर पर देश के लिए देश प्रेम की फ़िल्में बना कर रिलीज़ की हों।  खास तौर पर स्वतंत्रता दिवस वीकेंड पर बड़े सितारों की, बड़े बजट की मसाला फ़िल्में ही रिलीज़ हुई।  इन ज़्यादातर फिल्मों का देश से कोई सरोकार नहीं था। यहाँ तक कि गैंगस्टर फ़िल्में भी स्वतंत्रता दिवस वीकेंड पर प्रदर्शित की गई।  २००९ में रिलीज़ विशाल भरद्वाज की  गैंगस्टर  कमीने और २०१३ में मिलन लुथरिया की दाऊद इब्राहिम की जीवन कथा वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दोबारा इसका प्रमाण है।

इस दशक में  
२००० के दशक के पिछले ९ सालों के स्वतंत्रता दिवसों का जायजा लें तो पता चलता है कि २०१५ में, ओड़िसा की स्वतंत्रता सेनानी गौड़ हरी दास पर फिल्म गौड़ हरी दास्तान रिलीज़ हुई थी।  विनय पाठक की केंद्रीय भूमिका वाली यह फिल्म अक्षय कुमार और सिद्धार्थ मल्होत्रा की एक्शन फिल्म ब्रदर्स से टकराने के कारण दर्शकों की जानकारी में ही नहीं आ पाई थी।  बाक़ी के सालों में पत्रकारों और नेताओं पर व्यंग्य करती निर्माता आमिर खान की फिल्म पीपली लाइव (२०१०), देश में आरक्षण के खिलाफ ढुलमुल रवैया अपनाती प्रकाश झा की फिल्म आरक्षण (२०११)सलमान खान की कथित रॉ एजेंट की एक्शन कथा एक था टाइगर (२०१२) और अजय देवगन की कॉप एक्शन फ़िल्म सिंघम रिटर्न्स (२०१४)  रिलीज़ हुई थी।  २०१६ से, अक्षय  कुमार ने स्वतंत्रता दिवस वीकेंड पर  अपनी फ़िल्में रिलीज़ करने का सिलसिला बनाया।  हालाँकि, उनकी  स्वतंत्रता दिवस वीकेंड २०१३ में गैंगस्टर फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दोबारा रिलीज़ हुई थी।

अक्षय कुमार का कब्ज़ा 
लेकिन२०१७ से अक्षय कुमार ने इस वीकेंड पर सामजिक सरोकार वाली फ़िल्में रिलीज़ करने का सिलसिला बना दिया।  इसी कड़ी मेंसाठ के दशक ने नानावटी हत्याकांड पर अक्षय कुमार की फिल्म रुस्तम भी थी।  फिल्म  लेखक विपुल रावल ने  हथियारों की खरीद में  भ्रष्टाचार का मुद्दा डाल कर  रुस्तम को देश भक्त साबित किया था।  इस फिल्म ने, हृथिक रोशन की भारी बजट की पीरियड फिल्म मोहनजोदड़ो को असफल बना दिया था।  अक्षय कुमार की २०१७ में रिलीज़ फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा, गाँव में शौचालयों की समस्या पर ध्यान केंद्रित करने वाली फिल्म थी। पिछले साल, दिलचस्प टकराव हुआ था।  अक्षय कुमार की फिल्म गोल्ड और उनके रियल और रील लाइफ मित्र जॉन अब्राहम की फिल्म सत्यमेव जयते रिलीज़ हुई थी।  गोल्ड के  कथानक में, भारतीय हॉकी टीम के, स्वतंत्र के बाद का पहला हॉकी का गोल्ड जीतने की देशभक्तिपूर्ण कहानी थी तो जॉन अब्राहम की फिल्म सत्यमेव जयते में पुलिस विभाग के भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा हुआ एक सजग  नागरिक था।

बाटला हाउस बनाम मिशन मंगल
इस साल भी, ऐसा ही कुछ नज़ारा है।  अक्षय कुमार और जॉन अब्राहम, अपनी फिल्मों के  जरिये खिलाफ खड़े नज़र आ रहे हैं।  लेकिनइन अभिनेताओं की फिल्मों में देश भक्ति ज़ोरदार है।  जॉन अब्राहम की फिल्म में, २००८ में दिल्ली  में घटित बाटला हाउस एनकाउंटर है, जिसमे छात्रों की आड़ में कुछ आतंकवादी छुपे हुए थे।  दिल्ली  पुलिस ने पुख्ता जानकारी के आधार पर छापा मारा था।  इस मुठभेड़ में हुई गोलीबारी में दो आतंकी और दिल्ली पुलिस का एक अधिकारी मारा गया था। इस मुठभेड़ को तत्कालीन कांग्रेसी सरकार के कुछ नेताओं ने फ़र्ज़ी बताते हुए जांच करवाई थी। इस जांच के आठ साल बाद, मुठभेड़ करने वाला पुलिस अधिकारी सभी आरोपों से बरी हुआ था। निर्देशक निखिल अडवाणी ने बाटला हाउस में इसी सब का चित्रण जॉन अब्राहम के करैक्टर के ज़रिये किया है।  निर्देशक जगन शक्ति की पहली फिल्म मिशन मंगल में ५ नवंबर २०१३ को भारत की मंगल पर  छलांग का चित्रण है।  इसरों के इस मिशन मार्स में पांच महिला वैज्ञानिक भी जुड़ी थी, जिनके सम्मिलित प्रयासों से यह मिशन सीमित बजट में, निश्चित समय पर पूरा हो सका था।  इस फिल्म में अक्षय कुमार के साथ महिला वैज्ञानिकों की भूमिका विद्या बालन, सोनाक्षी सिन्हा, तापसी पन्नू, कीर्ति कुल्हाड़ी और नित्या मेनन कर रही हैं।  यह दोनों फ़िल्में स्वतंत्रता दिवस के दिन ही रिलीज़ हो रही है।

देशभक्ति की फिल्मों का सिलसिला
देश भक्ति की फिल्मों का यह सिलसिला मिशन मंगल और बाटला हाउस के बाद भी जारी रहने वाला है।  केंद्र की सत्ता में, नरेंद्र मोदी के उदय के बाद, ऎसी फिल्मों का सिलसिला शुरू हुआ है, जिनमे देश की बाते थी।  देश के द्वारा, देश के लिए देश प्रेम की फिल्मों को बल मिला, इस साल की  शुरू में प्रदर्शित भारत की पहली सर्जिकल स्ट्राइक पर फिल्म उरी द सर्जिकल स्ट्राइक  की सफलता के बाद।   आनन् फानन में वीर सैनिकों और उनकी वीरता पर फिल्मों का ऐलान किया जाने लगा।   हालाँकि, इसी समय बटालियन ६०९ और ७२ ऑवरस सैन्य ऑपरेशन की घटनाओं पर रिलीज़ हुई।  बैटल ऑफ़ सारागढ़ी पर फिल्म केसरी भी मार्च में  रिलीज़ हुई।  रॉ एजेंट परजॉन अब्राहम की फिल्म रोमियो अकबर वालटर, राजकुमार गुप्ता निर्देशित अर्जुन कपूर की नेपाल से भारत  में मोस्ट वांटेड आतंकी को ज़िंदा पकड़ कर लाने की  कहानी पर फिल्म इंडियाज मोस्ट वांटेड रिलीज़ हुई।  लेकिन, केसरी  को छोड़ कर यह सभी फ़िल्में फ्लॉप हुई।  इसके बावजूद, देश भक्ति के जज़्बे वाली फ़िल्में बनने और रिलीज़ होने का सिलसिला बंद होने वाला नहीं।

काल्पनिक सैन्य/कमांडो अभियान
सबसे ज़्यादा फ़िल्में सैन्य या कमांडो अभियानों पर बनाई जा रही हैं। यह फ़िल्में सच्ची या काल्पनिक कथानकों पर आधारित है।  लेकिन, इन सभी फिल्मों में कहीं न कहीं देश भक्ति नज़र आएगी।  तिरंगा बुलंद होता नज़र आएगा।  जॉन अब्राहम, अपनी २०२८  की हिट फिल्म सत्यमेव जयते की सीक्वल फिल्म शुरू करने जा रहे हैं।  उनकी एक दूसरी फिल्म अटैक  भारत की इंटेलिजेंस एजेंसी के अभियान की काल्पनिक कथा होगी। सॅटॅलाइट शंकर में, अभिनेता सूरज पंचोली एक जांबाज़ सैनिक कमांडो की भूमिका में नज़र आएंगे। निर्देशक आदित्य दत्ता की फिल्म कमांडो ३ में अभिनेता विद्युत् जम्वाल एक बार फिर कमांडो करणवीर सिंह डोगरा की भूमिका में देश के दुश्मनों को ख़त्म करते नज़र आएंगे।  यशराज बैनर के अंतर्गत, सिद्धार्थ आनंद निर्देशित फिल्म वॉर को कमांडो अभियान पर फिल्म बताया जा रहा  है।  फिल्म में हृथिक रोशन और टाइगर श्रॉफ कमांडो भूमिकाओं में हैं।


युद्ध के जांबाज़
बॉलीवुड का ध्यान अब भारतीय सेना के अभियान या जांबाज़ सैनिकों के बलिदान की कहानियों पर गया है।  काफी ऎसी फ़िल्में बनाई रही है या बनाई जाएंगी।  यह रियल सैनिक किरदार दर्शकों में जोश भरने का माद्दा रखते हैं।  तमिल फिल्म निर्देशक विष्णुवर्द्धन ने, हिंदी फिल्मों में कदम रखने के लिए सैन्य बायोपिक का चुना है।  विष्णुवर्द्धन की पहली हिंदी फिल्म भारतीय सेना कैप्टेन विक्रम बत्रा पर शेरशाह होगी।  कारगिल युद्ध में अदम्य वीरता का प्रदर्शन करने वाले कैप्टेन बत्रा पर फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा टाइटल रोल करेंगे।  विक्रम बत्रा को शेर शाह यानि लायन किंग कहा जाता था।  दूसरी फिल्म भुज द प्राइड  ऑफ इंडिया की कहने वायु सेना के स्क्वाड्रन लीडर विजय कार्णिक के जीवन पर है, जिन्होंने भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान पाक हमले में बर्बाद हो चुकी हवाई पट्टी को गाँव वालों की  मदद से हवाई हमले के लिए मददगार बनाया। इस फिल्म में अजय देवगन स्क्वाड्रन लीडर विजय कार्णिक की  भूमिका में हैं। जाह्नवी कपूर फिल्म कारगिल गर्ल में भारतीय वायुसेना की पायलट गुंजन सक्सेना की भूमिका कर रही हैं।  फिल्म सैम में, विक्की कौशल, भारत के फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की भूमिका कर रहे हैं।

कुछ दूसरी फ़िल्में
अर्जुन कपूर को केंद्रीय भूमिका  में लेकर पानीपत के तीसरे युद्ध पर फिल्म पानीपत का निर्माण किया जा रहा है।  इस फिल्म में अर्जुन कपूर, संजय दत्त, पद्मिनी कोल्हापुरे, आदि ऐतिहासिक भूमिकाओं मे नज़र आएंगे।  तानाजी द अनसंग वारियर मेंशिवाजी के सेनापति तानाजी मलुशरे की देश के बलिदान करने वाले तानाजी की अनसुनी दास्ता अजय देवगन के चरित्र के ज़रिये देखी जा सकेगी।  विक्की कौशल एक और बायोपिक उधम सिंह में, जलियांवाला हत्याकांड के दोषी जनरल ओडायर की ह्त्या करने वाले उधम सिंह की भूमिका कर रहे हैं।अक्षय कुमार, फिल्म सूर्यवंशी  में एटीएस के अधिकारी वीर सूर्यवंशी  की भूमिका  कर रहे हैं।  भारत द्वारा १९८३ में पहला विश्व  क्रिकेट कप जीतने की घटना पर  रणवीर सिंह के साथ फिल्म ८३ का निर्माण कबीर खान कर रहे हैं। ह्यूमन कंप्यूटर मानी जाने वाली शकुंतला  देवी पर फिल्म  शकुंतला देवी बनाई जा रही है। 

No comments:

Post a Comment