Wednesday 11 September 2019

क्या भारी पड़ेगी 'Bala' को 'Paagalpanthi' ?


एक फिल्म की रिलीज़ की तारीख़ के बदलाव के साथ ही बॉक्स ऑफिस पर दिलचस्प नज़ारा पैदा हो गया है।  निखिल अडवाणी और जॉन अब्राहम ने अपनी अपनी फिल्मों की तारीखें बदल ली है।  अब निखिल आडवाणी की रितेश देशमुख, सिद्धार्थ मल्होत्रा, तारा सुतरिया और रकुल प्रीत सिंह अभिनीत फिल्म मरजावां ८ नवंबर को प्रदर्शित  की जाएगी।  मरजावां २२ नवंबर को रिलीज़ होने वाली थी।  अब इस तारीख़ को जॉन अब्राहम की ८ नवम्बर को प्रदर्शित की जाने वाली फिल्म रिलीज़ होगी।  इसके साथ ही हास्य की दो विधाओं का टकराव सुनिश्चित हो चुका है। अब गुरु का टकराव अपने शिष्यों से होगा।

बाला और पागलपंथी टकराव !
पहलेजब २२ नवंबर को मरजावां रिलीज़ हो रही थी, तब उसका टकराव आयुष्मान खुराना, यामी गौतम और भूमि पेडनेकर की फिल्म बाला से हो रहा था।  बाला, एक ब्लैक  कॉमेडी फिल्म है, जबकि मरजावां एक्शन रोमांस फिल्म।  एक लिहाज़ से, सिद्धार्थ मल्होत्रा और रितेश देशमुख पर  आयुष्मान खुराना भारी पड़ रहे थे।  लेकिन, अब मरजावां ८ नवंबर को सोलो रिलीज़ हो रही है तथा पागलपंथी, बाला से टकरा रही है।

भिन्न विधाओं वाली फ़िल्में
पागलपंथी और बाला कॉमेडी की दो अलग  अलग विधाओं वाली फिल्म है।  बाला की कॉमेडी, आयुष्मान  खुराना की अब तक की कॉमेडी फिल्मों से अलग बालिगों वाली सामग्री के साथ कॉमेडी होगी।  जबकि, पागलपंथी अनीस बज़्मी की शैली में लोटपोट करने वाले हास्य से भरपूर फिल्म है।  इस फिल्म में जॉन अब्राहम के अलावा अनिल कपूर, अरशद वारसी और सौरभ शुक्ला वाले पके हुए चावल हास्य पैदा कर रहे हैं।  इन दो तरह की हास्य शैलियां दर्शकों के माकूल हैं।  दर्शक किस की तरफ खिंचेंगे ?

ब्रदर से टकराएगा गॉड ब्रदर !
यह मेंटर और शिष्यों का टकराव भी हैं।  जिस फिल्म  से आयुष्मान खुराना और यामी गौतम का हिंदी फिल्म डेब्यू हुआ था, उस फिल्म विक्की डोनर के निर्माता जॉन अब्राहम ही थे।  इस फिल्म ने ही आयुष्मान खुराना को अलग तरह की कॉमेडी फिल्मों से बॉलीवुड में राह बनाने का रास्ता दिखा दिया।  आयुष्मान खुराना, विक्की डोनर का हीरो बनाने  के लिए जॉन अब्राहम को अपना गॉड ब्रदर मानते हैं।  इस प्रकार से गॉड ब्रदर और ब्रदर का टकराव भी बॉक्स ऑफिस पर होता लग रहा है।

बाला को भारी पड़ेगी पागलपंथी
क्या बाला को पागलपंथी भारी पड़ने जा रही है ? बाला, आयुष्मान खुराना की परिचित शैली के अनुकूल फिल्म है । इसी शैली पर काम करते हुए आयुष्मान ने पिछले साल अन्धाधुन और बधाई हो जैसी सफल फ़िल्में दी थी तथा अंधाधुं के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाया था । जबकि, जॉन अब्राहम भी अपनी शैली की फिल्मों में सफलता हासिल कर चुके हैं । हालिया फिल्म बाटला हाउस इसका प्रमाण है । पागलपंथी में तो उन्हें अनिल कपूर जैसे एक्टर का साथ मिला हुआ है । क्या यह आयुष्मान खुराना को भारी पड़ेगा ?  

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