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पिछले साल,
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस वीकेंड पर कुछ ऐसी फ़िल्में प्रदर्शित हुई
थी, जो देश की
बात करने वाली थी। हालाँकि,
देश भक्ति की शुरुआत ११ जनवरी को प्रदर्शित निर्देशक आदित्य धर की विक्की
कौशल की मुख्य भूमिका वाली युद्ध फिल्म उरी द सर्जिकल स्ट्राइक ने ज़ोरदार ढंग से
कर दी थी। इसके बाद,
गणतंत्र दिवस वीकेंड पर निर्देशक कृष की कंगना रानौत अभिनीत फिल्म
मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी ने देश में देश भक्ति के माहौल की पुष्टि कर दी थी।
मणिकर्णिका के बाद,
फरवरी में मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर, मार्च में केसरी. अप्रैल में रोमियो अकबर
वाल्टर और द ताशकंद फाइल्स,
मई में इंडियाज मोस्ट वांटेड और पीएम नरेन्द्र मोदी प्रदर्शित हुई।
स्वतंत्रता दिवस के दिन जॉन अब्राहम की बाटला हाउस और अक्षय कुमार की मिशन मंगल ने
देश की रक्षा के लिए समर्पित भारत की पुलिस और वैज्ञानिकों की मेहनत से दर्शकों को
परिचित कराया।
परदे पर देश भक्ति
यही कारण है कि आज देश भक्ति से भरी हुई युद्ध फ़िल्में और भारत की प्रगति
को दिखाने वाले कथानक परदे पर आ रहे हैं। हालाँकि, पिछले साल के आखिर में प्रदर्शित अंडरकवर
एजेंट करण की जांबाजी की फिल्म कमांडो ३ और पानीपत के तीसरे युद्ध पर फिल्म पानीपत
को असफलता का मुंह देखना पडा था। लेकिन, २०२० की शुरुआत में ही १० जनवरी को अजय
देवगन की फिल्म तानाजी द अनसंग वारियर ने बॉक्स ऑफिस पर देश भक्ति की ज़बरदस्त बयार
बहा दी थी। बाद में रिलीज़ टाइगर श्रॉफ की फिल्म बागी ३ का नायक भी खाड़ी देश में जा
कर आतंकवादी का सफाया करता था।
युद्ध और उनके नायकों पर फ़िल्में
आज कई ऐसी फ़िल्में बनाई जा रही हैं या बन कर तैयार हैं, जिनमे १९७१
या कारगिल का युद्ध है। इन युद्धों में
जांबाजी दिखाने वाले सेना के लोगों की वीरता का चित्रण है। ऐतिहासिक घटनाओं और
किरदारों पर भी फिल्मों का निर्माण हो रहा है। इन तमाम फिल्मों से भारतीय दर्शक उन
घटनाओं को रील लाइफ में देख पायेंगे, जिसे उन्होंने रियल में सिर्फ सुना या पढ़ा
है।
गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल- कारगिल के युद्ध में भारतीय वायु सेना की
फाइटर पायलट गुंजन सक्सेना की कारगिल युद्ध में वीरता का चित्रण तो है ही, गुंजन के उस
संघर्ष का भी चित्रण है,
जो उसे भारतीय वायु सेना में जगह बनाने के लिए करने पड़े। यह फिल्म १२
अगस्त से नेटफ्लिक्स पर देखी जा सकेगी। शरण शर्मा निर्देशित इस फिल्म में गुंजन
सक्सेना की भूमिका में जाह्नवी कपूर हैं। दूसरी भूमिकाओं में अंगद बेदी, पंकज
त्रिपाठी, नज़र आएंगे ।
पृथ्वीराज - भारत के अंतिम हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान के जीवन पर
फिल्म पृथ्वीराज में अक्षय कुमार पृथ्वीराज चौहान की भूमिका कर रहे हैं। उनकी
संयोगता मानुषी छिल्लर हैं। फिल्म का निर्देशन सीरियल चाणक्य के डायरेक्टर डॉक्टर
चंद्रप्रकाश द्विवेदी कर रहे हैं।
सरदार उधम सिंह- भारत में पंजाब में जलियांवाला बाग़ में, १३ अप्रैल
१९१९ को सभा कर रही भीड़ पर गोलियां चला कर नरसंहार करने वाले जनरल माइकल ओडायर को, एक सिख युवा
सरदार ऊधम सिंह ने लन्दन में, १३ मार्च १९४० को अपनी गोलियां का शिकार बना लिया
था। इस युवा को फ़ासी की सजा हुई थी। शूजित सरकार निर्देशित और उरी द सर्जिकल
स्ट्राइक के निर्माता रोनी स्क्रूवाला निर्मित इस फिल्म में उरी के विक्की कौशल ही
ऊधम सिंह की भूमिका कर रहे हैं।
भुज : द प्राइड ऑफ़ इंडिया- निर्देशक अभिषेक दुधैया की फिल्म भुज द प्राइड
इंडिया, १९७१ के
भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान भुज की नष्ट हो चुकी हवाई पट्टी को गाँव की महिलाओं
की मदद से मरम्मत करवा कर वायु सेना के पाकिस्तान पर आक्रमण के योग्य बनाने वाले
स्क्वाड्रन लीडर विजय कार्निक पर आधारित है। इस फिल्म में विजय कार्णिक की भूमिका
अजय देवगन कर रहे हैं। संजय दत्त, सोनाक्षी सिन्हा, नोरा फतेही, आदि की भूमिकाये बेहद ख़ास है।
शेरशाह- परम वीर चक्र विजेता सेना के कैप्टेन विक्रम बत्रा के जीवन पर इस
फिल्म का निर्देशन विष्णुवर्द्धन ने किया है। इस फिल्म में विक्रम बत्रा, जिन्हें
सेना में उनके साथी शेरशाह के उपनाम से पुकारते थे, की भूमिका सिद्धार्थ मल्होत्रा ने की है।
बेल बॉटम- १९८० के दशक की एक सत्य घटना पर रंजित तिवारी की फिल्म बेल बॉटम
में अभिनेता अक्षय कुमार रॉ के अंडरकवर एजेंट की भूमिका कर रहे हैं। इस फिल्म ६
अगस्त से शुरू किये जाने की खबर है।
कोड नेम अब्दुल- एश गुन्त्रू की यह फिल्म न्यूयॉर्क में चार रॉ एजेंटों के
एक भगोड़े आतंकवादी को पकड़ने की साहसिक कहानी है। इस फिल्म में काजोल की बहन
तनिष्ठा मुख़र्जी रॉ एजेंट की भूमिका में हैं।
अटैक और सत्यमेव जयते २ - जॉन अब्राहम की पिछली कुछ फिल्मों से देशभक्ति
की फिल्मों के हीरो की इमेज बन चुकी है। अटैक और सत्यमेव जयते २ से वह इसकी पुष्टि
करते हैं। जॉन अब्राहम अटैक में रॉ एजेंट की भूमिका कर रहे है. जबकि सत्यमेव जयते
२ में वह सत्यमेव जयते के विजिलान्ते को दोहरा रहे हैं।
पर्दा नसीब नहीं
देश भक्ति की फिल्मों की विडम्बना यह है कि अगर बड़े या जाने पहचाने चेहरे
न हो तो ऎसी फिल्मों को न परदे मिलते हैं, न परदे पर देखने वाले दर्शक। पिछले साल कई
ऎसी फिल्मों को कुछ शो तक ही सीमित रह जाना पडा था। इस साल तो कोरोना प्रकोप ने
तमाम बड़ी फिल्मों तक को सिनेमाघरों के परदे के बजाय, डिजिटल प्लेटफार्म पर जाने को मज़बूर कर दिया
है। यही कारण है कि जाह्नवी कपूर की गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल और अजय देवगन की
भुज द प्राइड ऑफ़ इंडिया डिजिटल प्लेटफार्म पर स्ट्रीम होने जा रही है। कोई शक नहीं
अगर सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म शेरशाह भी डिजिटल पर स्ट्रीम होती नज़र आये।
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