फिल्म मैंने प्यार किया (१९८९) में सलमान खान को करोड़ों युवा धड़कनों का प्रेम बनाने के पीछे उस जादुई आवाज़ का भी असर था, जो राम लक्षमण की बनाई धुनों पर आजा शाम होने आई, कबूतर जा जा, मेरे रंग में रंगने वाली, दिल दीवाना और मैंने प्यार किया जैसे रोमांटिक गीतों को गा रही थी. यह आवाज़ कभी कमल हासन की आवाज़ भी हुआ करती थी. यह आवाज़ थी दक्षिण के गायक एसपी बालासुब्रह्मन्यम (एसपीएस) की. लेकिन, बॉलीवुड ने बलासुब्रह्मन्यम की आवाज़ का बहुत उपयोग नहीं किया. यहाँ तक कि सलमान खान ने भी स्टारडम पाने के बाद, उनकी आवाज़ की उपेक्षा की. कुमार शानू के आने के बाद तो उनके लिए हिंदी फिल्मों में कोई गीत ही नहीं बचा था. एसपी ने अनिल कपूर और जैकी श्रॉफ की फिल्म कभी न कभी के गीत गाने के बाद हिंदी फिल्मों से किनारा कर लिया. हालाँकि, दक्षिण की फिल्मों के गीत, वह आज भी गा रहे हैं. आज एसपी बलासुब्रह्मन्यम का ज़िक्र इस लिए कि उनमे कोरोना के हलके लक्षण पाए जाने के बाद, हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने खुद बताया कि वह दो दिनों में अस्पताल से छुट्टी पा जायेंगे.
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday 5 August 2020
सलमान खान की आवाज़ एसपीएस को कोरोना !
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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