Sunday 23 August 2020

भारतीय फिल्मों में काम करने वाली पहली महिलाएं


दुर्गाबाई कामथ और कमला बाई का नाम भारतीय सिनेमा के पन्नों पर अमर हो गया है।  दुर्गाबाई और कमला बाई ने उस समय फिल्मों में काम करना मंज़ूर किया था, जब इस काम को घटिया माना जाता था।  दुर्गाबाई का अपने पति के साथ तलाक़ हो चूका था।  उन्हें अपनी बेटी को पालने के लिए तीन रास्तों में से एक को चुनना था। उन्होंने घरेलु नौकरानी का काम करने, अभिनय करने या वेश्यावृत्ति करने में से किसी एक को चुनना था।  दुर्गाबाई ने अभिनय का रास्ता चुना। वह मराठी नाटकों में काम करने लगी।  उस समय के ब्राह्मण समुदाय को यह नागवार गुजरा। उनका ज़ोरदार विरोध हुआ। लेकिन, दुर्गाबाई ने अपना काम ज़ारी रखा। १९१३ में पहली मूक फिल्म राजा हरिश्चंद्र का प्रदर्शन हुआ था। लेकिन, इस फिल्म में तारामती की भूमिका के लिए दादासाहेब फालके को कोई महिला नहीं मिली थी। इसलिए उन्हें एक पुरुष सालुंके को धोती पहनानी पड़ी थी। राजा हरिश्चंद्र की सफलता के बाद महिलाएं फिल्मों की ओर आकर्षित  होने लगी। इनमे से एक दुर्गाबाई कामत भी थी।  जब फाल्के ने अपनी दूसरी फिल्म मोहिनी भस्मासुर का निर्माण किया तो उन्हें महिला किरदार के लिए कलाकार ढूँढने में ख़ास परेशानी नहीं हुई।  दुर्गा बाई ने मोहिनी भस्मासुर में पार्वती का किरदार करना मंज़ूर कर लिया। उनके साथ उनकी बेटी कमलाबाई भी थी, जो मोहिनी के किरदार में थी। इस प्रकार से कामत परिवार की माँ बेटी ने पहली बार  फिल्मों में कदम रख कर इतिहास रच दिया।  कमलाबाई ने रघुनाथराव गोखले से  विवाह किया था।  इस  विवाह से उनके तीन बेटे चंद्रकांत गोखले, लालजी गोखले और सूर्यकांत गोखले हुए।  चंद्रकांत गोखले की संतान फिल्म और टीवी अभिनेता विक्रम गोखले हैं।

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