हृथिक रोशन, कम फ़िल्में करने के लिए जाने जाते हैं। इसके
बावजूद लगातार फ्लॉप या औसत फिल्मों से जूझते रहे हैं । पहली फिल्म कहो न प्यार है
की सफलता के बाद फ़िज़ा, मिशन कश्मीर और यादें जैसी फ्लॉप फ़िल्में
मिली। सितारा बहुल फिल्म कभी ख़ुशी कभी गम हिट हुई तो उसके बाद लगातार चार फ़िल्में
आप मुझे अच्छे लगने लगे, न तुम जानों न हम,
मुझसे दोस्ती करोगे और मैं प्रेम की दीवानी हूँ फ्लॉप हो गई। कुछ समय तक
कोई मिल गया, कृष, धूम २ और
जोधा अकबर के हिट होने से स्थिरता आती लगी कि काइट्स और गुज़ारिश फ्लॉप हो गई। हिट ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा,
अग्निपथ, कृष ३ और बैंग बैंग के बाद,
कैमिया भूमिका में हृथिक रोशन की दो फ़िल्में हिंदी में हे ब्रो तथा मराठी
फिल्म हृदयांतर में नज़र आये। उनकी पूरी
लम्बाई की दो फ़िल्में मोहन जोदड़ो और काबिल रिलीज़ हुई। मोहन जोदड़ो बॉक्स ऑफिस पर
औंधे मुंह गिरी। काबिल की सफलता औसत ही थी। लेकिन,
इस साल प्रदर्शित बायोपिक फिल्म सुपर ३० ने हृथिक रोशन के करियर को नई
उड़ान दे दी है। हृथिक रोशन कहते हैं कि उन्होंने अपनी असफलता से सीखा है। इन असफलताओं ने उन्हें फ़िल्में चुनने में
सावधानी दी है। इसी का नतीजा सुपर ३० है, जो उन्होंने
किसी मैसेज के बजाय अच्छी पटकथा होने के कारण चुनी। अब उनकी घनघोर एक्शन फिल्म वॉर
२ अक्टूबर को प्रदर्शित हो रही है। यह फिल्म हृथिक रोशन को मुख्य धारा की फिल्मों
में स्थापित कर देगी। वह अपने पिता निर्देशित फिल्म कृष ४ की शूटिंग भी शुरू करने
वाले हैं। सुपर ३ की सफलता के बाद उनके पास चार स्क्रिप्ट पढ़ने के लिए है।
उन्होंने, राजकुमार गुप्ता की स्पाई फिल्म ब्लैक टाइगर
छोड़ दी है। इसके बावजूद, आने वाले सालों में हृथिक रोशन छाये रहेंगे।
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